देश के पांच राज्यों में विधानसभा का चुनाव होना है. किस राज्य में कब-कब चुनाव होना है, तारीखों की घोषण कर दी गई है. चुनाव की घोषणा का असर बिहार में भी देखने को मिल रहा है. बिहार विधान सभा चुनाव के बाद बिहारी नेता एक बार फिर से चुनावी मूड में आ गए है. अब बिहार के नेताओं का ध्यान असम और बंगाल की तरफ दिख रही है.
चुनाव की घोषणा के बाद बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव शनिवार को असम पहुंच गए. तेजस्वी यादव ने गुवाहाटी में राजद कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. असम दौरे पर निकलने से पहले पटना में पत्रकारों से तेजस्वी यादव ने बताया कि असम में बदरूद्दीन अजमल से मुलाकात कर बातचीत करेंगे. इसके साथ ही कांग्रेस के नेताओं से भी मुलाकात कर चुनावी गठबंधन की कोशिश करेंगे.
बता दें कि तेजस्वी यादव ने बिहार विधान सभा चुनाव में राजद को मिली सफलता के बाद देश के अन्य राज्यों में भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराने की कवायद शुरू की है. तेजस्वी यादव ने सबसे पहले असम और पश्चिम बंगाल को पहला टारगेट किया है. इन दोनों राज्यों में चुनावी रणनीति बनाने के लिये राजद के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक और पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दिकी को जिम्मेवारी दी गयी है, जो दोनों नेता लगातार कैंप कर रहे है.
इधर, जदयू और हम पार्टी की भी नजर भी पश्चिम बगाल चुनाव पर है. जदयू ने विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी को जिम्मेवारी दी है. वहीं, हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी खुद मोर्चा थामें हुए है. इन दोनों नेताओं का दौरा भी पश्चिम बंगाल में हो चुका है. अल्पसंख्यक बहुल राज्य होने के कारण बंगाल और असम में राजद को अपना भविष्य सुनहरा दिख रहा है. यही वजह है कि राजद विधायक भाई वीरेन्द्र का दावा है कि इन दोनों राज्यों में जदयू में टूट होगी और जदयू के नेता राजद का दामन थामेंगे.
दूसरी तरफ बीजेपी ने भी बंगाल चुनाव को साधने के लिए शाहनवाज हुसैन को बिहार में एमएलसी के अलावे उद्योग मंत्री भी बनाया है. चुनावी ऐलान के तुंरत बाद शाहनवाज हुसैन का बयान आया कि बंगाल में ममता की विदाई तय है. शाहनवाज काश्मीर की तरह बंगाल में भी अपना जलवा दिखाना चाहते है. अब देखना है कि पश्चिम बंगाल की 294 और असम 126 विधान सभा सीटों पर बिहार के नेता अपना कितना प्रभाव दिखा पाते है.
Posted by: Radheshyam Kushwaha