पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में पेयजल योजना के रखरखाव नीति के स्वीकृति दी गयी है. कैबिनेट की फैसले की जानकारी देते हुए पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि अब वार्ड सदस्य को पेयजल योजना के रखरखाव के लिए पांच हजार से अधिक राशि मिलेगी.
पंचायती राज विभाग के माध्यम से क्रियान्वित मुख्यमंत्री ग्रामीण पेय जल निश्चय योजना के अंतर्गत दीर्घ कालीन अनुरक्षण नीति के तहत 15 वें वित्त आयोग के अनुदान मिलने के सात दिनों में ग्राम पंचायत सचिव द्वारा प्रति माह चार हजार रुपये की दर से अनुदान राशि वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के खाते में हस्तांतरित की जायेगी.
इसमें से अनुरक्षकों को दो हजार रुपया प्रति माह के दर से मानदेय का भुगतान किया जायेगा और बाकी के दो हजार रुपये का उपयोग जलापूर्ति योजनाओं के रखरखाव में खर्च किया जायेगा. वार्ड सदस्य ही पेयजल योजना के अनुरक्षक बनाये गये हैं. ऐसे में उनके द्वारा हर परिवार से वसूली गयी 30 रुपये प्रति माह की राशि का आधा हिस्सा भी मिलेगा.
पेयजल योजना के अनुरक्षण नीति में दैनिक रखरखाव की रूपरेखा को स्वीकृति दी गयी है. इसमें ग्राम पंचायत हर वार्ड में वार्ड सदस्य को रखरखाव करने वाले के रूप में काम करने की स्वीकृति दी गयी है. वार्ड सदस्य की अनिच्छा होने पर वार्ड सभा द्वारा वार्ड सचिव को इसकी जिम्मेवारी दी जायेगी. उसकी जिम्मेवारी होगी कि वह प्रति दिन दो पालियों में मोटर पंप को चालू करने और बंद करेंगे.
लॉग बुक में हर दिन मोटर पंप के चालू व बंद करने के समय को दर्ज करना होगा और वार्ड की वैसी लाभुक दो महिलाओं का हस्ताक्षर व मोबाइल नंबर लेना होगा जिनका घर पंप से अंतिम छोर पर हो. जलापूर्ति अक्तूबर से मार्च तक प्रात: छह बजे से नौ बजे तक और अन्य महीने में प्रात: पांच बजे से आठ बजे तक चलाया जायेगा. शाम में हर मौसम में चार बजे से सात बजे तक पंप चलाना है.
वार्ड सदस्य की जिम्मेदारी होगी कि वह हर उपभोक्ता परिवार से शुल्क के रूप में 30 रुपये प्रति माह वसूल करना है और उसे वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति के खाते में जमा करना है. उपभोक्ता शुल्क संग्रहण की पंजी का संधारण किया जाना है. जलापूर्ति योजना के समानों की चोरी होने पर अपने थाना में प्राथमिकी दर्ज कराना है.
जलापूर्ति योजना की छोटी मरम्मति का कार्य प्रखंड स्तरीय अनुश्रवण एजेंसी के माध्यम से वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति द्वारा कराया जायेगा. इसमें मोटर पंप की मरम्मति, स्टार्टर लगाना, वोल्टेज स्टैबलाइजर लगाना, बोरिंग चैंबर की मरम्मति, पाइप लाइन की मरम्मति कार्य, पानी टंकी की मरम्मति का काम शामिल हैं.
उपभोक्ताओं को प्रति माह पेयजल योजना के लिए 30 रुपये प्रति परिवार देना है. उपभोक्ताओं के मासिक शुल्क नहीं दिये जाने पर संबंधित उपभोक्ता को नोटिस दिया जायेगा. नोटिस तामिला के बाद भी मासिक शुल्क नहीं दिया जाता है तो वार्ड प्रबंधन समिति घरेलू पाइप लाइन को काटने का 15 दिनों की नोटिस देगी.
नोटिस के बाद भी शुल्क नहीं दिये जाने और समिति द्वारा राहत नहीं दिये जाने पर जलापूर्ति को काट दिया जायेगा. फिर से उसका पेयजल आपूर्ति के लिए 300 रुपये शुल्क जमा करना होगा. जलापूर्ति का दुरुपयोग करने पर ग्राम पंचायत द्वारा 150 रुपये का दंड लगाया जायेगा और दूसरी बार दुरुपयोग करने पर 400 और तीसरे बार में पांच हजार जुर्माना के साथ पेयजल का संपर्क काट दिया जायेगा.
शिकायत मिलने पर साधारण लिकेज को 24 घंटे और असाधारण में तीन-पांच दिन लगेगा. मोटरपंप की खराबी की शिकायत आने पर 24 घंटे में ठीक कर दिया जायेगा. नया पेयजल बहाली के लिए तीन दिन में संपर्क दे दिया जायेगा.
कैबिनेट द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा एवं व्यापक जनहित में पश्चिम बंगाल के वायु सेना स्टेशन,बागडोगरा के रनवे के निर्माण कार्य पूरा करने के लिए बोर्डर रोड कंस्ट्रक्शन ऑर्गेनाइजेशन को प्रोजेक्ट स्वास्तिक के तहत विशेष परिस्थिति में पाकुड़ (झारखंड) से किशनगंज के रास्ते बागडोगरा तक हाइग्रेड एग्रीग्रेड की ढुलाई के लिए 12 चक्के से ऊपर वाले ट्रकों को मानक लदान क्षमता के अनुसार परिचालन की अनुमति दे दी गयी.
Posted by Ashish Jha