अशोक अपहरणकांड : मुख्य आरोपी अनूप के परिवार के ग्यारह सदस्यों पर सिवान में हुआ मामला दर्ज
मुख्य आरोपी अनूप के परिवार के ग्यारह सदस्यों पर सिवान में हुआ मामला दर्ज.
आसनसोल : आसनसोल साऊथ थाना कांड संख्या 92/2020 (अशोक कानू अपहरणकांड) में मुख्य आरोपी सिवान (बिहार) का अनूप यादव सहित उसके परिवार के कुल ग्यारह सदस्यों पर सिवान मुफस्सिल थाना में हत्या का प्रयास, लूटपाट, जान से मारने की धमकी देने, महिलाओं के साथ अश्लील आचरण करने के आरोप में मामला दर्ज हुआ. विशुनपुर गांव के निवासी व सिवान मुफस्सिल थाना में पदस्थापित चौकीदार धर्मेंद्र कुमार की शिकायत पर मुफस्सिल थाना कांड संख्या 348/2020 तारीख 03/08/2020 में आईपीसी की धारा 147/148/149/341/323/307/332/333/337/353/427/447/448/380/504/506 और 27 आर्म्स एक्ट में मामला दर्ज हुआ.
कांड में पुलिस ने अनूप के दो चाचा कृष्णा यादव और हरेराम यादव को गिरफ्तार कर मंगलवार को सिवान जिला अदालत में पेश किया. आरोपियों की जमानत खारिज हो गयी. उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. अनूप सहित घर के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस प्रयास कर रही है. अनूप की गिरफ्तारी को लेकर कमिश्नरेट पुलिस नेटवर्क को सक्रिय रखा है. सूचना है कि अनूप को बहुत जल्द कमिश्नरेट पुलिस गिरफ्तार कर लेगी.
सिवान में क्या घटी घटना?
धर्मेंद्र कुमार ने अपनी शिकायत में कहा कि तीन अगस्त को शाम पांच बजे ड्यूटी समाप्त कर विशुनपुर में अपने घर आने के उपरांत ही मुफस्सिल थाना के प्रभारी आसनसोल साऊथ थाना कांड संख्या 92/2020 में आईपीसी की धारा 363/365 के आरोपी उनके गांव के ही अनूप यादव का गिरफ्तारी वारंट लेकर आये. थाना प्रभारी को लेकर वे अनूप के घर पर गए. जहां छापेमारी हुई.
अनूप नहीं पकड़ाया. थाना प्रभारी के निकल जाने के उपरांत अनूप यादव, उसके पिता जयराम यादव (48), उसकी मां बसंती देवी (46), बहन काजल कुमारी (19), बड़े चाचा कृष्णा यादव (50), बड़ी चाची कांति देवी (48), छोटे चाचा हरेराम यादव (45), छोटी चाची शिवमती देवी (42), चचेरा भाई उदय यादव (20), सूर्योदय यादव (22), चचेरी बहन रानी कुमारी (19) व अन्य 10-20 लोगों को साथ लाठी, डंडा, फरसा, भाला, पिस्टल, कट्टा लेकर धमेंद्र पर हमला कर दिया.
जमकर पिटाई की. जान बचाकर वह अपने घर में घुस गए. हमलावर उन्हें खदेड़ते हुए उनके घर पर आकर पथराव किया और घर में दाखिल हो गए. घर की औरतों के साथ छेड़छाड़ और बदसलूकी करने लगे, अलमारी का ताला तोड़कर नकदी और गहना लूट लिए. अनूप ने फायरिंग की, वह बच गए. गोली जाकर घर के अंदर दीवार पर लगी. इस बीच घर के सदस्यों ने थाना प्रभारी को सूचना दे दी. थाना प्रभारी के आते ही सभी भाग गए.
जाते हुए यह धमकी दे गए कि दोबारा अनूप को पकड़ने के लिए आने पर जान से मार देंगे. भागने के क्रम में वे लोग एक स्कूटी और एक बाइक छोड़कर भाग गए. इस शिकायत के आधार पर थाना में मामला दर्ज हुआ और दो लोग पकड़े गए.
आसनसोल में अनूप ने जमानत के लिए किया था प्रयास
पूछताछ में अनूप के चाचा ने पुलिस को बताया कि आसनसोल साऊथ थाना में दर्ज अपहरण कांड में अनूप ने आसनसोल जिला अदालत में जमानत का प्रयास किया था. सफल नहीं हुआ. अनूप की गिरफ्तारी को लेकर अब बिहार और बंगाल दोनों राज्य की पुलिस तलाश कर रही है. पुलिस सूत्रों के अनुसार अनूप जल्द पकड़ा जाएगा.
क्या है अपहरणकांड का मामला?
आसनसोल साऊथ थाना क्षेत्र के बलतोड़िया बिहारीपाड़ा इलाके के निवासी व इसीएल नरसमुंदा कोलियरी के कर्मी अकल कानू के पुत्र अशोक कानू (25) 15 फरवरी 2020 को घर से लापता हुए. चार दिन बाद थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज हुई. नौ मार्च को श्री कानू ने अपने बेटे के अपहरण की शिकायत आसनसोल साऊथ थाना में दर्ज कराई. जिसमें उन्होंने जमशेदपुर (झारखंड) जिला के परसुडीह थाना अंतर्गत हरहरगुट्टू जेल रोड इलाके के निवासी अशोक भारती की बेटी पलक कुमारी भारती को आरोपी बनाया.
शिकायत के आधार पर कांड संख्या 92/2020 में आईपीसी की धारा 363/365 के तहत मामला दर्ज हुआ. पुलिस ने आरोपी पलक को 12 मई को उसके आवास से गिरफ्तार किया. दो बार 10 दिन और तीन दिन के पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ में पलक ने खुलासा किया कि अशोक को अपने प्यार के जाल में फंसाकर उसने अनूप यादव के हवाले किया था. अनूप की गिरफ्तारी को लेकर लॉकडाउन में आसनसोल साउथ थाना पुलिस सिवान गयी. अनूप नहीं मिला. सिवान पुलिस भी दो बार छापामारी कर चुकी है.
अनूप की गिरफ्तारी से खुलेगा अशोक का राज.
15 फरवरी से लापता अशोक कानू के साथ क्या हुआ? अपहरण को लेकर किसी प्रकार की कोई फिरौती की मांग अशोक के घरवालों के पास नहीं आयी. सात माह तक अशोक कहां है? क्या उसके साथ कोई अनहोनी हुई है? अनूप की गिरफ्तारी के बाद ही इस रहस्य से पर्दा उठेगा. पुलिस को यह पता चला है कि जब पलक ने अशोक को अनूप के हवाले किया था. उस समय अशोक को बेहोशी का इंजेक्शन देकर गोपालगंज के थावे लाया गया. उसके बाद क्या हुआ. पुलिस यह पता लगाने में जुटी है. अशोक बंगाल या बिहार कहीं भी गिरफ्तार हो, पुलिस उसे अदालत से प्रोडक्शन वारंट के तहत अपने पास लाकर पूछताछ करेगी.
posted by : sameer oraon