राजद में शामिल हो सकते हैं अशोक यादव, MLC बने बागियों को मनाने में जुटा राजनीतिक दल

अब राजनीतिक दल उन निर्दलीय को अपने-अपने पाले में लाने की जुगत लगा रहे हैं. मधुबनी और नवादा सीट पर राजद के बागी ने जीत दर्ज की है. अब राजद अपने इन बागियों को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 8, 2022 4:48 PM

पटना. विधान परिषद में नगर निकाय कोटे की 24 सीटों पर हुए चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों ने करीब आधा दर्जन सीटों पर दलीय उम्मीदवारों को हराया है. अब राजनीतिक दल उन निर्दलीय को अपने-अपने पाले में लाने की जुगत लगा रहे हैं. मधुबनी और नवादा सीट पर राजद के बागी ने जीत दर्ज की है. अब राजद अपने इन बागियों को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रहा है.

राजद के छह और भाजपा के सात सदस्य चुनकर आये है

विधान परिषद की 24 सीटों में से छह सीट जीतकर राजद सबसे मुनाफे में है और उसे सदन में नेता प्रतिपक्ष का ओहदा भी मिल गया है, लेकिन राजद सदन में अपना रुतबा और बढ़ाने का प्रयास कर रही है. साथ ही इस चुनाव में सबसे अधिक सदस्य चुनकर लाने का आंकड़ा भी हो भाजपा से छीनना चाहता है. अभी राजद के छह और भाजपा के सात सदस्य चुनकर सदन में आये हैं. ऐसे में अगर राजद अपने बागियों को अपने खेमे में ले आता है तो सदन में आये नये सदस्यों में राजद की संख्या भाजपा से अधिक हो जायेगी. वैसे भाजपा भी बागियों को मनाने में लगी हुई है. सच्चिदानंद राय जैसे बागी को भाजपा अपने खेमे में वापस ला सकती है.

तेजस्वी यादव इस चुनाव में सबसे बड़े गेनर

राजनीति गलियारे में इस बात की चर्चा है कि तेजस्वी यादव इस चुनाव में सबसे बड़े गेनर के तौर पर उभर कर निकले. उनकी अगली रणनीति भी कामयाब होती दिख रही है. नवादा सीट पर पार्टी से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल करने वाले निर्दलीय एमएलसी अशोक यादव राजद में शामिल हो सकते हैं. अशोक यादव पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव के भतीजे हैं. अशोक यादव ने कहा है कि उनके भविष्य का फैसला राजबल्लभ यादव करेंगे.


राजबल्लभ करेंगे अंतिम फैसला

अशोक यादव ने नवादा सीट पर दावेदारी पेश की थी, लेकिन राजद ने उन्हें टिकट नहीं दिया. राजबल्लभ यादव का भतीजा होने के कारण अशोक यादव ने कदम पीछे नहीं खींचा और राजबल्लभ के बूते ही उन्होंने विधान परिषद चुनाव में जीत हासिल की. अब जब उनके भविष्य को लेकर सवाल किया जा रहा है तो उन्होंने दो टूक कह दिया है कि भविष्य को लेकर कोई भी फैसला चाचा राजबल्लव ही करेंगे.

राजबल्लभ यादव दुष्कर्म के मामले में फिलहाल जेल में हैं. पिछला चुनाव उनकी पत्नी विभा देवी ने लड़ा था और फिलहाल वह राजद से विधायक हैं. ऐसे में अशोक यादव को राजबल्लभ यादव राजद छोड़कर कहीं और जाने के लिए कहेंगे, इसकी उम्मीद कम है. अगर अशोक यादव राजद के साथ आये तो नये विधान पार्षदों की संख्या 6 से बढ़कर 7 हो जाएगी. फिलहाल विधान परिषद में राजद के सदस्यों की संख्या 11 है.

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