आशुतोष शाही हत्याकांड: मुख्य अभियुक्त व शूटर तमिलनाडु से गिरफ्तार, बिहार STF ने रामेश्वरम जाकर दबोचा
मुजफ्फरपुर के चर्चित आशुतोष शाही हत्याकांड मामले में बिहार पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. एसटीएफ ने आशुतोष शाही व उनके तीन बॉडीगार्ड की हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त मंटू शर्मा व शूटर गोविंद को तमिलनाडु के रामेश्वरम से गिरफ्तार किया है.
मुजफ्फरपुर के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही हत्याकांड मामले में बिहार पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. एसटीएफ ने इस हत्याकांड के मुख्य आरोपित और शूटर को गिरफ्तार कर लिया है. आशुतोष शाही व उनके तीन बॉडीगार्ड की हत्या गोलियों से भूनकर कर दी गयी थी. इस मामले में पुलिस जिन दो लोगों की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही थी उन्हें एसटीएफ ने तमिलनाडु से गिरफ्तार किया है.हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त मंटू शर्मा व शूटर गोविंद को बिहार एसटीएफ ने रामेश्वरम से गिरफ्तार कर लिया. दोनों को गिरफ्तार करने के बाद अब एसटीएफ की टीम पटना लेकर आ रही है.
STF ने मंटू शर्मा व गोविंद को दबोचा
बिहार पुलिस ने इन दो लोगों की गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए ट्वीट भी किया है. जिसमें बताया गया कि इस हत्याकांड के अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर अन्य राज्यों में भी STF के द्वारा छापामारी की जा रही है. बताया गया कि पुलिस गिरफ्त में आया कुख्यात अपराधी प्रदुमण शर्मा उर्फ मन्टु शर्मा के विरूद्ध मुजफ्फरपुर एवं पटना जिला के विभिन्न थानों में हत्या एवं रंगदारी से जुड़े 15 कांड पहले से दर्ज हैं.वहीं शूटर गोविन्द कुमार शर्मा के खिलाफ मुजफ्फरपुर के विभिन्न थानों में हत्या एवं रंगदारी के 5 मामले पहले से दर्ज किए गए हैं.दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर बिहार लाया जा रहा है.
आशुतोष शाही समेत 5 लोगों को मारी गोली
बता दें कि आशुतोष शाही समेत 5 लोगों को बदमाशों ने बीते शुक्रवार को गोली मारी थी. नगर थाना क्षेत्र के चंदवारा लकड़ीढ़ाही रोड में मारवाड़ी हाई स्कूल के पास ये घटना घटी थी. जब चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही अपने बुलेट प्रूफ गाड़ी में सवार होकर अधिवक्ता सैयद कासिम हुसैन उर्फ डॉलर के घर पहुंचे थे. दो बाइक पर सवार होकर 4 अपराधी उसी समय आ धमके और पहले तीन बॉडीगार्ड को गोली मारा. उसके बाद अपराधी अंदर घुसे और आशुतोष शाही को गोलियों से छलनी कर दिया. करीब 30 राउंड गोली दागी गयी थी. आशुतोष शाही समेत 4 लोगों ने दम तोड़ दिया. इनमें तीन निजी अंगरक्षक थे.
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एक दर्जन गोली मारी गयी
अपराधियों ने तीनों बॉडीगार्ड पर बारी-बारी से गोली दागी थी. अपराधी जब हत्या करके बाहर निकले थे तो इन अंगरक्षकों ने उन्हें घेरने की कोशिश की थी. अपराधी भागने में सफल हुए थे. इधर शुरुआती जांच के बाद हुई कार्रवाई में पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया था. पटना में महिला मुखिया के घर पर छापेमारी की गयी तो जमकर बवाल मचा था. रामपुर फरीदपुर की मुखिया चंचला देवी के बेटे की तलाश में पुलिस ने रेड मारी थी. आशुतोष शाही को गले,सीने, कनपट्टी व बांह में एक दर्जन गोली मारी गयी थी. शूटरों की तालाशी के लिए एसटीएफ समेत पांच अलग-अलग टीमें छापेमारी कर रही थी.
6 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया..
इस हत्याकांड मामले में पुलिस ने मंटू शर्मा व गोविंद कुमार समेत एक अधिवक्ता व एक पूर्व पार्षद सहित कुल 6 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाते हुए केस दर्ज किया था. मंटू शर्मा व गोविंद की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम छापेमारी कर रही थी. पड़ोसी राज्यों में भी छापे पड़ रहे थे. बिहार एसटीएफ की टीम कई अलग-अलग राज्यों में कार्रवाई कर रही थी. मंटू को मुख्य अभियुक्त व गोविंद को शूटर मानकर छापेमारी की जा रही थी.
जारी हुआ था गिरफ्तारी वारंट
बुधवार को इस हत्याकांड मामले में मंटू शर्मा व गोविंद कुमार के अलावे रनंजय ओंकार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. कोर्ट में इसके लिए आवेदन दिया गया था. विक्कू शुक्ला और पूर्व पार्षद शेरू अहमद पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं. अधिवक्ता डॉलर का इलाज पुलिस अभिरक्षा में पटना में चल रहा है. एडीजी ऑपरेशन सुशील मानसिंह खोपड़े ने कहा था कि पूर्व मेयर समीर कुमार हत्याकांड की जांच पड़ताल मानक के अनुरूप नहीं हो सकी थी जिससे अपराधी व भू-माफियाओं का गठजोड़ पनप गया और आशुतोष शाही की हत्या कर दी गयी. पुलिस के वरीय पदाधिकारी इस हत्याकांड के बाद सक्रिय हो गए थे. ताबड़तोड़ तबादले भी जिले में किए गए हैं.
रामेश्वर में मिले दोनों अभियुक्त..
इस हत्याकांड मामले की जांच की कमान सीआईडी ने थाम ली. मंटू शर्मा व शूटर गोविंद से जुड़े कई साक्ष्य पुलिस को हाथ लगने शुरू हो गए थे. तफ्तीश में यह भी जानकारी मिलने लगी थी कि शूटर ने हथियार कहां छिपाए थे. वो पटना कैसे गए और कहां रूके थे. दूसरे राज्य में फ्लाइट के जरिए जाने के संकेत भी मिले थे. एसटीएफ कई राज्यों में छापेमारी कर रही थी. नामजत आरोपित मनियारी के गोविंद कुमार लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था. पुलिस को दिल्ली तक का लोकेशन मिला था. इसके आगे पुलिस को सुराग नहीं मिल रहा था. शूटर व मास्टरमाइंड की तलाश कर रही एसटीएफ को तमिलनाडु के रामेश्वरम में दोनों मिले. अपनी पहचान छिपाकर दोनों यहां रह रहे थे.