शहर के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही और उनके दो गार्ड निजामुद्दीन व राहुल कुमार की गोली मारकर हत्या करने वाले चारों शूटरों को चिन्हित करना एसआइटी के लिए चुनौती साबित हो रहा है. हत्यारे की गिरफ्तारी को लेकर गठित एसआइटी की छह अलग- अलग टीम उत्तर बिहार व पटना में सक्रिय रहे प्रोफेशनल शूटरों की सूची तैयार कर रही है. इसको लेकर एसआइटी की टीम अलग- अलग जेलों में बंद हिस्ट्री शीटरों से भी सीसीटीवी फुटेज में दिखे बदमाशों की हुलिया का पहचान करा रही है.
इसके अलावे मुख्यालय से एसटीएफ की टीम भी शूटरों की गिरफ्तारी को लेकर मैनुअल व वैज्ञानिक इनपुट खंगाल रही है.पुलिस का जिन शूटरों पर शक जा रहा है, उनके घटना के समय मोबाइल का टावर लोकेशन व फिजिकल रूप से कहां उपस्थिति थी इसके बारे में भी जानकारी जुटा रही है. इधर, नगर थाने की पुलिस अब घटनास्थल से जब्त खून लगा बेडशीट, कारतूस, पिलेट व खोखा की एफएसएल जांच के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल करेगी.
पुलिस टीम हत्याकांड में आरोपी बनाये गये शातिर मंटू शर्मा व गोविंद के ठिकाने को ट्रेस करने के लिए यूपी, झारखंड, उत्तराखंड, दिल्ली व महाराष्ट्र में छापेमारी कर रही है. बताया जाता है कि डीआइयू की टीम ने भगवानपुर इलाके के एक प्रॉपर्टी डीलर को भी हिरासत में ली है.
हत्याकांड में जेल भेजे गये पूर्व पार्षद शेरू अहमद व प्रॉपर्टी डीलर विजेंद्र उर्फ विक्कू शुक्ला का आपराधिक इतिहास पुलिस खंगाल रही है. नगर डीएसपी ने शहरी अनुमंडल के सभी थानेदारों को निर्देश दिया है कि दोनों के खिलाफ थानों में दर्ज केस का पूरा रिकॉर्ड जल्द से जल्द नगर थाना व नगर डीएसपी कार्यालय को उपलब्ध कराये. बताया जाता है कि 15 साल तक का क्राइम इतिहास पुलिस जुटा रही है.
सैयद कासिम हुसैन उर्फ डॉलर का पुलिस अभिरक्षा में पटना के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है. नगर डीएसपी ने मंगलवार को कोर्ट से वहां दो पुलिस पदाधिकारी की तैनाती के लिए अनुमति मांगी है. इसमें पीएसआइ अजय कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम को पटना भेजा जाएगा.
आशुतोष शाही हत्याकांड में इस्तेमाल अत्याधुनिक हथियार कहां से आया था. इस्तेमाल करने के बाद अपराधी कहां हथियार छिपाकर भागा था. इसके बारे में एसआइटी, एसटीएफ व डीआइयू की अलग- अलग टीम जानकारी जुटा रही है.