Bihar : एएसपी साहेब ने कान पकड़वा कर ड्राइवर से कराया उठक-बैठक, ड्राइवर ने कहा- इज्जत से बढ़कर नौकरी नहीं
विकास महतो होमगार्ड के जवान हैं और उन्हें एएसपी की सरकारी गाड़ी चलाने के लिए लगाया गया है.
भागलपुर. शहर के एएसपी शुभम आर्य पर अपने सरकारी ड्राइवर के साथ बदसलूकी का आरोप लगा है. आरोप उनके सरकारी ड्राइवर ने ही लगाया है. ड्राइवर का कहना है कि एएसपी सिटी ने छोटी सी गलती के लिए उससे कान पकड़वा कर उठक-बैठक कराया है.
उनके साथ जो सलूक किया है, वह बर्दाश्त करने लायक नहीं है. पूरे पुलिस महकमे में उसकी इज्जत चली गयी है. अब ऐसी नौकरी नहीं करनी है जहां इज्जत ही नहीं बचे. विकास महतो होमगार्ड के जवान हैं और उन्हें एएसपी की सरकारी गाड़ी चलाने के लिए लगाया गया है. अब एएसपी के सलूक से बेहद आहत चालक ने साफ कह दिया कि उन्हें ऐसी नौकरी नहीं करनी है.
चालक विकास महतो ने बताया कि बुधवार को वे एएसपी कार्यालय से उनके आवास पर लेकर गये. वहां एएसपी खाना खाने घर के अंदर चले गये. ड्राइवर ने देखा कि साहब खाना खा रहे हैं इस बीच अपना एक काम निपटा लिया जाये. विकास महतो ने बताया कि उन्होंने आवास पर मौजूद एएसपी के बॉडीगार्ड को ये बता दिया कि वह अपना एक चप्पल बदल कर थोडी देर में वापस लौट कर आ रहे हैं. कुछ ही देर में वापस लौटने की बात कह कर चालक वहां से निकल गये.
ड्राइवर विकास महतो का कहना है कि जब वह चप्पल बदल कर वापस लौटे तो एएसपी आग बबूला थे. एएसपी सिटी ने पहले तो अपशब्द कहे फिर कहा कि वह कान पकड़कर उठक-बैठक करे. एएसपी के डर से ड्राइवर को कान पकड़ कर उठक बैठक करनी पड़ी. फिर एएसपी ने गाड़ी लेकर फिर से अपने दफ्तर चलने को कहा.
चालक विकास महतो ने कहा कि अब उन्होंने तय कर लिया है कि ऐसी नौकरी नहीं करनी. जब इज्जत ही नहीं बची तो नौकरी क्या करना. चालक ने कहा कि पिछले एक महीने से वह 24 घंटे ड्यूटी कर रहे हैं. एक दिसंबर के बाद वे अपने घर नहीं गये. घर से बेटा खाना लेकर आता है,
वही खाकर वह एएसपी की ड्यूटी बजा रहे हैं. इस मेहनत का फल यही मिला कि सरेआम इज्जत चली गयी. ड्राइवर ने कहा है कि वह इस बात की शिकायत बड़े अधिकारियों से करेंगे. होमगार्ड जवानों के संगठन में भी इस शिकायत को ले जायेंगे.
इधर, एएसपी ने शुभम आर्य ने आरोपों को गलत बताया है. उन्होंने कहा है कि ड्राइवर से कान पकड़वा कर उठक बैठक कराने का आरोप पूरी तरह से गलत है. उन्होंने ड्राइवर को बुलाया है, ताकि पूरे मामले की जानकारी ले सकें.