मुजफ्फरपुर जेल से हमनाम बंदी को छोड़ने के मामले में सहायक जेल अधीक्षक, उपाधीक्षक सहित तीन सस्पेंड
Muzaffarpur News: मुजफ्फरपुर जेल से हमनाम बंदी को छोड़ने के मामले में सहायक जेल अधीक्षक, उपाधीक्षक सहित तीन को सस्पेंड कर दिया है. इस मामले में केंद्रीय कारा के अधीक्षक बृजेश सिंह मेहता ने मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी थी.
मुजफ्फरपुर. शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा की सहायक जेल अधीक्षक प्रियंका कुमारी और रामेश्वर राउत को मुख्यालय ने तत्काल प्रभाव से हमनाम बंदी को छोड़ने के मामले में सस्पेंड कर दिया है. इसके अलावा उच्च कक्षपाल हरेंद्र शर्मा को भी निलंबित कर दिया गया है. केंद्रीय कारा के अधीक्षक बृजेश सिंह मेहता ने मुख्यालय को रिपोर्ट भेजी थी. बता दें कि, जेल में बंद मीनापुर के शंकरपट्टी गांव के रामदेव सहनी के पुत्र गुड्डू कुमार को जमानत मिली थी. मगर उसी गांव के उसके हमनाम धनेश्वर राय के पुत्र गुड्डू कुमार को जेल से रिहा कर दिया.
ऐसे पकड़ा गया मामला
पूरे प्रकरण का राज तब सामने आया, जब जमानत मिलने वाला बंदी बाहर नहीं निकला. उसके परिजन की शिकायत पर उसके अधिवक्ता ने जेल में आकर प्रशासन से तहकीकात की. इसके बाद जमानत मिले दूसरे बंदी को भी मंगलवार को जेल से रिहा कर दिया गया. बहरहाल जमानत का फर्जी लाभ उठाकर जेल से निकलने वाला गुड्डू कुमार फिलहाल पुलिस की पकड़ से बाहर है. इसके अलावा जेल प्रशासन की ओर से भी चूक की बात बताते हुए जेल अधीक्षक ने सहायक जेल अधीक्षक, उपाधीक्षक व उच्च कक्षपाल से स्पष्टीकरण मांगा गया था.
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सहायक जेल अधीक्षक, उपाधीक्षक सहित तीन सस्पेंड
जेल सूत्रों की माने तो सहायक जेल अधीक्षक प्रियंका कुमारी जेल के प्रवेश शाखा की प्रभारी थी. नियमानुसार जब बंदी जेल में प्रवेश करता है तो उसका बॉयोडाटा तैयार किया जाता है. साथ ही वेबकैम से उसकी तस्वीर ली जाती है. फिर उसे प्रवेश रजिस्टर पर चिपकाया जाता है. जब जमानत मिलने के आदेश पर प्रभारी ने प्रवेश रजिस्टर से शक्ल मिलाया तो एक नजर में वहीं लगा, जिसका वह फायदा उठाकर जेल से निकल गया था.