Gaya News: एमयू को उपलब्ध हुआ पासवर्ड, दिसंबर से होंगी लंबित परीक्षाएं, प्रशासनिक दखल के बाद सुलझा मामला
Gaya News: एडमिट कार्ड आदि बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी और दिसंबर के प्रारंभ से ही विभिन्न लंबित परीक्षाएं आयोजित की जायेंगी. इनमें एमयू कैंपस स्थित विभिन्न वोकेशनल कोर्सों सहित अन्य छोटी-छोटी परीछाएं शामिल हैं.
बोधगया. मगध विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा को पासवर्ड उपलब्ध करा दिया गया. अब एमयू की परीक्षा शाखा लंबित विभिन्न परीक्षााओं के संचालन को लेकर काम शुरू कर चुकी है और दिसंबर से विभिन्न परीक्षाओं का आयोजन शुरू करा दिया जायेगा. परीक्षा नियंत्रक डॉ गजेंद्र प्रसाद गदकर ने बताया कि परीक्षा शाखा में कार्यरत एजेंसी के संचालक द्वारा मंगलवार को पासवर्ड उपलब्ध करा दिया गया है और छात्रों के संबंध में कंप्यूटर में संग्रहित जानकारी पर काम शुरू कर दिया गया है. अब एडमिट कार्ड आदि बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी और दिसंबर के प्रारंभ से ही विभिन्न लंबित परीक्षाएं आयोजित की जायेंगी. इनमें एमयू कैंपस स्थित विभिन्न वोकेशनल कोर्सों सहित अन्य छोटी-छोटी परीछाएं शामिल हैं.
एजेंसी संचालक ने परीक्षा शाखा को मुहैया कराया पासवर्ड
हालांकि, स्नातक पार्ट वन व पार्ट थर्ड की परीक्षाएं लंबित परीक्षाफलों के प्रकाशन के बाद ही शुरू हो पायेंगी. वहीं, अन्य परीक्षाएं, जो कि कंप्यूटर सेल के पासवर्ड उपलब्ध नहीं होने के कारण बाधित थीं. उन्हें आयोजित कराया जायेगा. इस संबंध में उन्होंने बताया कि एजेंसी संचालक सोनू कुमार ने पासवर्ड उपलब्ध कराया व अन्य सभी फाइलों के ओपन किये जाने में भी सहयोग करने को कहा है. इसके लिए गया सदर एसडीओ इंद्रवीर कुमार, बोधगया डीएसपी अजय प्रसाद, एमयू के कुलानुशासक, परीक्षा नियंत्रक व अन्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में सोनू कुमार के साथ प्रॉक्टर कक्ष में बैठक की गयी.
Also Read: बिहार के वाटरफॉल और पैलेस बने प्री वेंडिग शूट के न्यू डेस्टिनेशन, पांच मिनट के लिए खर्च हो रहे 75 हजार
लंबित परीक्षाओं का आयोजन
एजेंसी संचालक के एमयू के पास बकाया का भुगतान व अन्य विषयों पर प्रभारी कुलपति से आश्वासन मिलने के बाद यह निर्णय किया गया कि छात्रों के हित को देखते हुए पासवर्ड उपलब्ध कराया जाये ताकि लंबित परीक्षाओं का आयोजन कराया जा सके. अब गुरुवार से कंप्यूटर सेल पूरी तरह काम करने लगेगा व एडमिट कार्ड आदि बनने शुरू हो जायेंगे. परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि प्रशासनिक दखल के बाद ही यह संभव हो पाया है.