गया: अतरी के विधायक प्रतिनिधि बैजू यादव की गोली से घायल विकास की मौत तीन दिनों के बाद अस्पताल में हो गयी. विकास का शव बुधवार की शाम गया जिले के मोहड़ा प्रखंड के सारसू पिच फैक्ट्री के पास स्थित एकलव्य कंपनी के ऑफिस के पास पहुंचा. जहां बिना बुलाए प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव से हजारों लोगों की भीड़ पहुंची. हालांकि प्रशासन को इस बात की भनक पहले ही लग चुकी थी कि भारी भीड़ जुटने वाली है, इस वजह से भीड़ को कंट्रोल करने के लिए कई थानों की पुलिस को घटनास्थल पर पहले से ही भेज दिया गया था.
एकलव्य कंपनी के पास शव पहुंचते ही लोग विकास कुमार अमर रहे के नारे लगाने लगे. हजारों की संख्या में लोग सड़क पर आ गए थे. अचानक इतने लोगो के सड़क पर आ जाने के कारण बनगंगा-जेठीयन मार्ग जाम हो गया. घटना के 72 घंटे बीत जाने के बाद बाद भी पुलिस के हाथ खाली रहने पर लोग काफी आक्रोशित थे. उपस्थित लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस राजनीतिक दबाव के कारण विधायक प्रतिनिधि बैजू यादव को गिरफ्तार नहीं कर रही है. लोग घटनास्थल पर एसएसपी को बुलाने की मांग पर अड़े रहे.
इधर, घटना की जानकारी मिलने पर एसडीएम गोपाल कुमार, डीएसपी विनय कुमार शर्मा मौके पर पहुंचे और लोगों को समझा-बुझा कर मामले को शांत कराया. एसडीएम और डीएसपी ने लोगों को भरोसा दिलाया कि अपराधी को हर हाल में गिरफ्तार किया जायेगा.
वहीं, स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया की आरोपी विधायक प्रतिनिधि बैजू यादव पुलिस अधिकारियों से मिलीभगत कर बालू का अवैध खनन कर रहा था. राजद नेता बैजू यादव खुलेआम नदी से बालू खनन कर उसकी बिक्री करता था. बालू खनन से ही उसने करोड़ों रुपए की संपति अर्जित कर ली थी. किसी के साथ मारपीट करना, गाली-गलौज करना उसके लिए आम बात थी.
ग्रामीणों ने बताया कि बैजू यादव ने हाल ही में सेवतर में एक सीएसपी संचालक के साथ मामूली विवाद पर उसकी जमकर पिटाई कर दी थी. इतना ही नही उसे दुकान खोलने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी. कई दिनों तक सीएसपी संचालक अपने घर में बंद रहा था. उसके दुकान में अपराधियों के द्वारा लूटपाट भी की गई थी. पीड़ित सीएसपी संचालक ने बैजू यादव के भय से थाने में प्राथमिकी तक दर्ज नही कराई थी.
ग्रामीणों ने ने बताया कि आरोपित बैजू को हमेशा से पुलिस और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त रहा है. क्षेत्र के लोग बताते हैं कि जब थानाध्यक्ष के रूप में कृष्णा कुमार थे, तो उन्हीं के बाइक से वह क्षेत्र में घुमा करता था. उन्होंने इसे अपना बाइक से घूमने की इजाजत देकर क्षेत्र में स्टार बनाने का काम किया था. जिसके बाद बैजू यादव बालू के अवैध कारोबार करने लगा और धीरे-धीरे आर्थिक रूप से मजबूत होकर बालू माफिया बना गया.
जानकारी के मुताबिक बैजू यादव के हौसले इतने बुलंद है, उसने एक बार एसआई जैनेन्द्र कुमार एवं पुलिस बल पर हमला किया था. घटना के समय थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार थे. प्राथमिकी तो दर्ज की गई. लेकिन राजनीतिक और पुलिस रसूख के कारण आजतक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है और बालू का अवैध कारोबार भी निरंकुश रूप से फल-फूल रहा है.
बता दें कि गया जिले के मोहड़ा प्रखंड क्षेत्र में बालू का खनन का जिम्मा एकलव्य कंपनी को मिला हुआ था. विगत 6 मई 2022 की रात को बालू खनन में आपसी विवाद को लेकर दो पोकलेन मशीन को जला दिया गया था. पोकलेन मशीन जलाने के बाद खनन विभाग की टीम ने जांच की थी. जांच के बाद संवेदक पर एक करोड़ 21 लाख 90 हजार 416 रुपए का नुकसान बता कर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इसके बाद बालू का अवैध खनन दूसरे तरीके से किया जाने लगा.
कंपनी ने कई स्थानों पर बालू का स्टॉक प्वाइंट बनाया और स्टॉक से बालू की बिक्री होने लगीच. हास्यासप्द बात यह थी कि उसी संवेदक पर एफआईआर दर्ज होने के बावजूद उसी संवेदक को स्टॉक से बालू बेचने की अनुमति किसने दी. इसी बात की जानकारी बैजू यादव को थी और इसी बात का फायदा उठा कर बैजू यादव रंगदारी से चालान लेकर अवैध बालू का कारोबार करता था. रविवार को भी बैजू यादव नदी से बालू उठा कर चालान लेने ही गया था. संवेदक ने अपने ऑपरेटर विकास को चालान देने से मना किया था. इस बात से गुस्साए बैजू और उसके साथियों ने विकास को गोली मार कर घायल कर दिया था. जिसकी इलाज के दौरान आज पटना में मौत हो गयी.