Atiq Ahmed: मुंगेर में बनी पिस्टल से मारी गई थी गोली, हिजबुल व डी कंपनी से हत्यारे के हैं कनेक्शन…
Atiq Ahmed उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्याकांड की जांच कर रही एसआइटी ने एक बड़ा खुलासा किया है.
Atiq Ahmed Murder Case उत्तर प्रदेश के माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) व उसके भाई अशरफ अहमद हत्याकांड में एसआइटी ने खुलासा किया है कि मुंगेर के बने हथियार से उन्हें तीन गोली मारी गई थी. हालांकि इस मामले की जांच करने अब तक यूपी पुलिस न तो मुंगेर पहुंची है और न ही मुंगेर पुलिस से किसी प्रकार का संपर्क किया गया है, लेकिन यह कोई पहली घटना नहीं है, जब बड़े आपराधिक घटनाओं में मुंगेर के हथियार का कनेक्शन मिला हो. यहां के हथियार और तस्कर का देश के आंतकी, उग्रवादी और आपराधिक गिरोह से कनेक्शन होने का कई बार खुलासा हो चुका है. यही कारण है कि नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की जद में मुंगेर के हथियार व हथियार तस्कर हैं. इसकी जांच में एनआइए की टीम कई बार मुंगेर भी आ चुकी है. मुंगेर के एक हथियार तस्कर संजीव साह पर एनआइए ने दो लाख का इनाम भी घोषित कर रखा है.
हिजबुल मुजाहिदीन व डी कंपनी तक है मुंगेर के हथियार का कनेक्शन
वर्ष 2005 में एनआइए की टीम हिजबुल मुजाहिदीन के सदस्य मो. सथाव की खोज में मुंगेर पहुंची थी. इसके बाद यह बात सामने आया था कि मुंगेर के हथियार तस्करों का आंतकी व उग्रवादी संगठनों से संबंध है. 2007 में मुंगेर में एक युवक रंजीत कुमार पुलिस के हत्थे चढ़ा था. उसके खाते पर 10 दिन में मुंबई से 20 लाख रुपये डाले गए थे. मुंबई में पुलिस के हत्थे चढ़े बंसलाल की निशानदेही पर मुंबई पुलिस ने मुंगेर पहुंच कर रंजीत को गिरफ्तार किया था. बंसलाल ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया था कि मुंगेर से मंगाए पिस्टल को वह डी कंपनी के हाथों बेचता है. जबकि 2014 में पठान कोट रेलवे स्टेशन पर पाकिस्तानी आतंकी के कब्जे से एके-47 हथियार बरामद किया गया था. उसने बताया था कि मुंगेर के एक दलाल ने यह हथियार उपलब्ध कराया था. कुछ वर्ष पहले पंजाब-जम्मू कश्मीर से लगे पाकिस्तानी सीमा पर मेड इन यूएसए लिखा हुआ हथियार बरामद हुआ था. जांच में पाया गया कि हथियार मुंगेर से लाया गया था.
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बांग्लादेश व नेपाल के हथियार तस्कर की हुई थी गिरफ्तारी
2009 में बांग्लादेश के तस्कर मो मन्ना को मुफस्सिल थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था. 2014 में नयारामनगर पुलिस ने आस्ट्रिया निर्मित ग्लाक पिस्टल बरामद किया था. इस मामले में हवेली खड़गपुर के कुंदन मंडल को गिरफ्तार किया गया था. जांच में सामने आया था कि यह पिस्टल थाई पुलिस के एक अधिकारी से चोरी हुई थी. सितंबर 2016 में कुंदन मंडल के सहयोगी को किशनगंज में चेक गणराज्य निर्मित ब्रेटा पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया गया था. हथियार मामले में मुंगेर में बंगलादेश के मिदनापुर निवासी प्रवीर दास, नेपाल के रामवरण महतो व चंद्रवीर को गिरफ्तार किया जा चुका है जो माओवादी यानी उग्रवादी संगठन के सदस्य थे.
सेना के हथियारों की चोरी कर की जाती है तस्करी
29 अगस्त 2018 को मुंगेर पुलिस ने तीन एएके-47 हथियार के साथ तस्कर इमरान को गिरफ्तार किया था. जांच में पाया गया कि यह हथियार मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित आयुध कारखाना से चोरी कर लाया गया था. जहां सेना के हथियारों की मरम्मत होती है. 2018 से 2019 के बीच मुंगेर पुलिस ने 22 एके-47 हथियार बरामद किया. अनुसंधान में पाया गया कि आयुध कारखाना के कर्मी एवं सेना के जवान मिलकर वहां से हथियार की चोरी कर मुंगेर के हथियार तस्करों को उपलब्ध कराता था और तस्कर इसे आतंकी, उग्रवादी व अपराधियों तक पहुंचाने का काम किया. इस मामले में एनआइए पटना में मामला दर्ज है और अभी तक इसका अनुसंधान ही चल रहा है.
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बांग्लादेश आतंकी हमले में मुंगेरिया हथियार का हुआ था उपयोग
एक जुलाई 2016 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका के हॉली आर्टिसन बेकरी कैफे में हुए आतंकवादी हमले में इस्तेमाल हुए हथियार भी मेड इन मुंगेर था. ढाका ट्रिब्यून में छपी रिपोर्ट में बताया गया था कि आतंकवादियों के पास से मिले 3 एके 22 राइफल्स पर बिहार की एक फैक्ट्री की मुहर लगी हुई थी और इन्हें हमले से एक महीने पहले आम की टोकरियों में भरकर बांग्लादेश भेजा गया था. अखबार ने बांग्लादेश के काउंटर-टेररेजम ऐंड ट्रांसनैशनल क्राइम के प्रमुख मोनिरुल इस्लाम के हवाले से लिखा है, ”हमें जानकारी मिली है कि इन हथियारों को भारत के बिहार राज्य के मुंगेर शहर में मॉडिफाई किया गया था और सीमा पार कराकर ढाका लाया गया था” इसके बाद आतंकियों से मुंगेरिया हथियार का कनेक्शन पूरे विश्व में छा गया.
एनआइए ने हथियार तस्कर संजीव पर रखा है दो लाख का इनाम
वर्ष 2015 में मुंगेर के कई हथियार तस्करों की टोह में शुक्रवार को एनआइए की टीम मुंगेर पहुंची थी. इसने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के शंकरपुर निवासी और चर्चित हथियार तस्कर सनोज यादव के घर पर जाकर गहन जांच पड़ताल की थी. जबकि ईस्ट कॉलोनी थाना और कासिमबाजार थाना क्षेत्र में भी कई जगह एनआइए की टीम गई और मुंगेर के हथियार तस्करों के उग्रवादी संगठनों से संबंध की जांच पड़ताल की थी. एनआइए ने अगस्त 2021 में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के टीकारामपुर निवासी अंतरराष्ट्रीय हथियार तस्कर संजीव साह पर दो लाख का इनाम घोषित कर रखा है. जिसकी गिरफ्तारी आज तक न तो मुंगेर पुलिस कर सकी है और न ही एनआइए की टीम. आज भी वह हथियार तस्करी का धंधा कर रहा है.
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कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक जगुनाथरेड्डी जलारेड्डी ने बताया कि हथियार निर्माण, भंडारण व तस्करी के खिलाफ मुंगेर पुलिस छापेमारी करती रही है और सफलता भी मिली है. छापेमारी के डर से कई हथियार कारोबारी मुंगेर छोड़ कर दूसरे जिले अथवा दूसरे राज्यों में ठिकाना बना लिया है. पुलिस उन कारोबारियों पर भी नजर रखे हुए है.