Bihar News: खनन मंत्री जनक राम के सरकारी आप्त सचिव (ओएसडी) मृत्युंजय कुमार के ठिकानों पर शुक्रवार को विशेष निगरानी इकाई ने छापेमारी की. सूत्रों की माने तो रत्ना चटर्जी सीडीपीओ थी, लेकिन 2011 में रिश्वत लेते गिरफ्तार हुई थी. इसके बाद सरकार ने उन्हे बर्खास्त कर दिया था. मृत्युंजय कुमार की पत्नी आरती की 2013 में ही मौत हो गयी. सूत्रों के अनुसार पत्नी की मौत के बाद रत्ना से मृत्युंजय के बीच दोस्ती बढ़ गयी. हालांकि रत्ना पहले से ही शादीशुदा है.
मृत्युंजय ही महिला मित्र का घर बनवा रहे हैं. मृत्युंजय मूलत: अररिया जिले के निवासी है. इन दोनों के बीच जब संपर्क हुआ तो दोनों काफी करीब हुए है. जिस कारण रत्ना व मृत्युंजय के बाद धनंजय का घर आसपास ही बनाया गया. धनंजय का आलीशान भवन ओएसडी मृत्युंजय ने बनवाया है. रत्ना के भवन में भी इनका योगदान है. मृत्युंजय ने रत्ना को इतना धन दिया कि वह करोड़ों की मालकिन हो गयी. इसके पास से बरामद रुपये व जेवरात से यह साबित होता है. इन दोनों के खाते से मोटी रकम आदान प्रदान की गयी है.
कटिहार में रत्ना के मकान में किराये पर रहते थे मृत्युंजय
लोगों ने बताया कि पहले रत्ना के घर पर मृत्युंजय किरायेदार के रूप में रहते थे, जो बाद में मित्रता में बदल गयी. मित्रता ऐसी कि दोनों ने अगल-बगल मकान बनवाया और दोनों ने एक-दूसरे को पैसे दिये. एसवीयू की स्पेशल टीम सुबह तपांच से छह के बीच में ही स्थानीय पुलिस के सहयोग से बर्खास्त सीडीपीओ रत्ना चटर्ज के आवास व ओएसडी मृत्युंजय कुमार के भाई धनंजय के घर पर भी छापेमारी की.
अररिया स्थित आवास में भी की गयी छापेमारी
अधिकारियों ने बताया कि मृत्युंजय कुमार के अररिया स्थित आवास पर छापेमारी के दौरान कुछ खास हाथ नहीं लगा है. अधिकारियों ने आरोपित ओएसडी के कटिहार व पटना स्थित आवास पर छापेमारी के दौरान मामले से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्य हासिल होने की बात कही. मृत्युंजय कुमार सहित दो अन्य अधिकारी धनंजय कुमार व रत्ना चटर्जी के खिलाफ 25 नवंबर को निगरानी ने पटना में मामला दर्ज कराया था.
मंत्री के एक निजी सचिव भी हो चुके है गिरफ्तार
खनन एवं भूतत्व मंत्री के निजी सचिव बबलू आर्या की कुछ दिनों पहले एक अन्य मामले में गिरफ्तारी हुई थी. उन पर नयी दिल्ली स्थित संसद भवन में फर्जी पास बनवा कर एक विजिटर की इंटर करवाने का आरोप लगा था. इस मामले की जांच मे उन्हे दोषी पाये जाने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गयी थी.
Posted by: Radheshyam Kushwaha