बिहार में पुलिस की कार्रवाई के विरोध में उग्र ग्रामीणों ने थाने पर ही हमला बोल दिया. पुलिस चौकी में घुसकर लोगों ने जमकर उत्पात मचाया और थाने में वाहनों को आग के हवाले कर दिया. उग्र ग्रामीणों ने हाजत में बंद दो आरोपितों को मुक्त करा लिया. थाने के अंदर मौजूद पुलिसकर्मियों को इन लोगों ने बुरी तरह पीटा. इस दौरान एक चौकीदार को बेरहमी से पीटने के बाद थाने के बाहर फेंक दिया. किसी तरह पुलिस जवानों ने अपनी जान बचायी. वो थाने से बाहर भागे और खुद को सुरक्षित किया. पूरा मामला मुजफ्फरपुर के गरहां थाना का है जहां रामपुर जयपाल गांव में बुधवार की शाम को पुलिस शराब मामले में कार्रवाई करने पहुंची थी. पुलिस को देखकर दो युवक पोखर में कूद गए थे. एक युवक तैरकर बाहर निकल आया जबकि दूसरा युवक डूब गया था और उसकी मौत हो गयी थी. वहीं इस आक्रोश में ग्रामीणों ने पूरे थाने को ही आग के हवाले कर दिया और पुलिसकर्मियों पर अपना आक्रोश निकाला.
पुलिस की कार्रवाई के दौरान दो युवक पोखर में कूदे जिसमें एक युवक जितेंद्र कुमार(18 वर्ष) की मौत डूबने से हो गयी. जिसके बाद ग्रामीणों का आक्रोश पुलिस के ऊपर निकला. बड़ी तादाद में लोगों ने देर शाम थाने पर धावा बोल दिया. थाना के अंदर पुलिसकर्मी मौजूद थे. रोज की तरह बुधवार को भी अंदर काम चल रहा था. अचानक बड़ी तादाद में लोग पहुंचे और जबतक पुलिसकर्मी कुछ समझ पाते, उनपर हमला बोल दिया गया. पुलिस पर पथराव किया गया. गेट का ताला तोड़कर सभी अंदर घुस गए. वहीं हाजत में बंद दो लोगों को मुक्त करा लिया.आक्रोशित भीड़ ने थाना में घुसकर चौकीदार हरिलाल को मारपीट कर जख्मी कर दिया और बाहर फेंक दिया. बैरक में इन लोगों ने पुलिसकर्मियों को बुरी तरह पीटा. बैरक में तोड़फोड़ भी की गयी. बैरक में सो रहे पुलिसकर्मी यशपाल सिंह, नंदू पासवान व कन्हैया कुमार के साथ मारपीट की. इस दौरान सभी ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचायी . वहीं थाने में दो दर्जन से अधिक बाइकों और चार पहिया वाहनों में आक्रोशित लोगों ने आग लगा दी. पूरा थाना परिसर धू-धू कर जलने लगा.
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जख्मी पुलिसकर्मी ने बताया कि अगर वे लोग नहीं भागते तो उनलोगों की जान नहीं बचती. भीड़ काे काफी समझाने का काफी प्रयास किया गया. लेकिन वे कुछ सुनने को तैयार नहीं थे. उनलोगों को उम्मीद नहीं थी कि थाने में वह जबरन घुस जायेंगे. जब गांव से शव लेकर लोग चले तो गरहां चौक पर ही उन्हें रोकने का प्रयास किया गया. लेकिन पब्लिक ने पुलिस पर पथराव कर दिया. चौकीदार हीरा ने लोगों से घटना को लेकर विरोध किया तो उसे बुरी तरह पिटाई करते हुए बाहर ले जाकर फेंक दिया. इसके बाद पुलिस ने इलाज के लिए उसे एसकेएमसीएच भेजा. आग की लपट दो किमी दूर से ही दिख रही थी. कम पुलिसकर्मी के होने की वजह से ग्रामीणों ने थाना परिसर में जमकर बवाल काटा. जब दूसरे थानों से पुलिस पहुंची, तब तक ग्रामीण मौके से भाग खड़े हुए.
जब इस हमले की सूचना पुलिस के वरीय अधिकारियों को मिली तो एसएसपी राकेश कुमार, सिटी एसपी अरविंद प्रताप सिंह, नगर एएसपी अवधेश दीक्षित समेत कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. वहीं पूर्व मंत्री रामसूरत राय, गरहां के वर्तमान मुखिया बैजू प्रसाद यादव ,पूर्व मुखिया भारत राय, रामपुर जयपाल के पूर्व मुखिया केदार सहनी, प्रमुख साजन पासवान सहित एक दर्जन से अधिक स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने घटनास्थल पर पहुंचकर सड़क जाम कर रहे लोगों को समझा बुझा कर शव के साथ उनके घर वापस लौट दिया. पूरे मामले में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग के कारण थाना का मुख्य बिल्डिंग फूंकने से बच गया. हालांकि घटना के बाद पुलिस कर्मियों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. दरअसल, पुलिस शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की तैयारी कर रही थी. बताया जाता है कि ग्रामीणों ने महाजाल से पिंटू यादव का शव निकाला. शव देखते ही लोग आक्रोशित हो गये. शव के साथ थाने का घेराव किया.
गरहां थाने में आग लगाने की घटना के पीछे पुलिस सुनियोजित साजिश मान रही है. मौके से पुलिस को गैलन भी मिला है. कहा जा रहा है कि गैलन में पेट्रोल लाया गया था. थाना परिसर में खड़ी बाइक और चारपहिया वाहन पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगायी गयी है. पुलिस इस घटना के पीछे शराब माफियाओं पर शक जता रही है. घटना के समय फायरिंग की भी चर्चा है.
सिटी एसपी अरविंद प्रताप सिंह का कहना है कि गरहां थाना हाल में ही खुला है. वहां पर सीसीटीवी नहीं लगा है. लेकिन कुछ फुटेज घटना के समय का मिला है. उसकी छानबीन की जा रही है.वहीं सिटी एसपी ने बताया कि थाने के मुख्य भवन को नुकसान नहीं पहुंचा है. थाना परिसर में लगी आग से मालखाना में जब्त वाहन के जलने से नुकसान हुआ है. सरकारी गाड़ी सुरक्षित है. और भी क्या-क्या नुकसान हुआ है, इसका आकलन किया जा रहा है.