नालंदा. बिहार में शराब माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. एक तरफ शराब माफिया तस्करी करने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं, तो दूसरी ओर शराबियों को पकड़ने जा रही पुलिस टीम पर शराब माफिया हमला करने से भी नहीं चूक रहे हैं. ताजा मामला नालंदा के गोमहर गांव का है. वहां शराबियों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर शराबियों ने हमला कर दिया है. इस हमले में जमादार विजय शंकर सिंह के घायल होने की सूचना है. साथ ही कई पुलिसवालों को चोटें लगी हैं. पुलिस इस मामले में छापेमारी कर रही है. अब तक किसी फरार आरोपित के गिरफ्तार होने की सूचना नहीं है.
जमादार पर हसूली से ताबड़तोड़ वार
घटना के संबंध में बताया जाता है कि नालंदा जिला के ओंगारी थाना क्षेत्र के बड़की गोमहर गांव में पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ शराबी शराब पीकर गांव में माहौल खराब कर रहे हैं. सूचना मिलने पर शराबियों को पकड़ने गयी पुलिस पर एक शराबी ने धारदार हथियार से हमला कर दिया. जमादार पर हसूली से ताबड़तोड़ वार किया गया. इस हमले में ओंगारी थाने के जमादार विजय शंकर सिंह का हाथ बुरी तरह कट गया. बताया जाता है कि जमादार विजय शंकर सिंह ने शराब कारोबारी को जैसे ही पकड़ने का प्रयास किया वैसे ही शराबी ने विजय कुमार सिंह पर हसूली से ताबड़तोड़ वार कर दिया. जिसमें विजय कुमार का हाथ बुरी तरह से कट गया. घटना के बाद घायल विजय कुमार सिंह को भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी लाया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है.
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समाज पर केट्रोल करना चाहते हैं कुछ लोग
इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता संजय कुमार ने स्थानीय मीडिया को बताया कि बड़की गोमहर गांव में शराब माफिया शराब बेचते हैं और शराब पीकर हमेशा हंगामा भी करते हैं. ये लोग समाज पर केट्रोल करना चाहते हैं. जनता इनसे त्रस्त है. जब पुलिस जाती है पकड़ने तो उस पर हमला कर देते हैं. पुलिस भी परेशान है, शराब माफिया पूरी तरह से बिहार में बेलगाम हो चुके हैं. इधर इस मामले में औगांरी थानाध्यक्ष अनिता कुमारी ने बताया कि पुलिस टीम पर हमले करने के बाद पुलिस जब गिरफ्तारी करने गई तो दूसरी बार भी शराबी ने हमला किया. जिसमें कई पुलिस वाले बाल-बाल बचे. सूचना वरीय पदाधिकारियों को दे दी गई है. हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
पुलिस पर हमला करना चिंताजनक
पुलिस पर हमला की इकलौती घटना नहीं है, बल्कि हर महीने पुलिस पर इस तरह के हमले होते हैं. इससे पहले कई बड़े हमले हो चुके हैं. पुलिस ने लोगों को गिरफ्तार भी किया है, लेकिन है इस घटना ने बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं. आखिर माफियाओं का मनोबल इतना हाई कैसे हैं? शराब और बालू का धंधा करने वाले लोग वर्दी देखकर भागते हैं. ऐसे में पुलिस अभिरक्षा में लेकर थाना आ जाने के बावजूद भाग जाना और पुलिस पर हमला करना चिंताजनक है. आये दिन कहीं न कहीं से ऐसी घटनाएं सामने आ जा रही हैं. पिछले दो सप्ताह पहले ही ऐसी एक घटना नवादा जिले से सामने आयी थी. जिले के सिरदला में शराब के खिलाफ छापेमारी करने गई पुलिस पर शराब माफियाओं ने हमला किया और एसआई को घायल कर दिया था. इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चार बदमाशों को गिरफ्तार किया.
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अब तक 50 से अधिक पुलिसकर्मी चोटिल
बिहार में अब तक 50 से अधिक पुलिसकर्मी चोटिल जिले भर के लगभग सभी थाना क्षेत्रों में शराब और बालू माफियाओं के बड़े कारनामे सामने आ चुके हैं. कहीं पुलिस पर फायरिंग हो गई तो कहीं पुलिस अधिकारी का माथा फोड़ दिया गया. पिछले एक साल में पुलिस पर करीब दो दर्जन बार हमला हो चुका है. तीन थानाध्यक्ष सहित 50 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. और तो और बालूबंदी के बाद से एडीएम, खनन अधिकारी और थानाध्यक्ष तक पर हमला हो चुका है. इन मामलों में कुछ गिरफ्तारियां होती है और कई बार सरकारी मुलाजिमों पर भी कार्रवाई होती है, लेकिन इसके पीछे के कारणों की पड़ताल नहीं हो पाती है और असली गुनाहगार बच निकलते हैं. इसके चलते ऐसे मामले बढ़ते जा रहे हैं.