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पटना में छापेमारी करने गयी पुलिस टीम पर हमला, लोगों ने पुलिस को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा

बिहार में अब तक जिला स्तर पर ही पुलिस पर हमले की घटनाएं सामने आती थी, लेकिन कानून व्यवस्था की स्थिति यह है कि अब राजधानी पटना में भी अपराधियों को पकड़ने जा रही पुलिस पर हमले शुरू हो गये हैं.

By Ashish Jha | September 9, 2022 9:46 AM

पटना. बिहार में अब तक जिला स्तर पर ही पुलिस पर हमले की घटनाएं सामने आती थी, लेकिन कानून व्यवस्था की स्थिति यह है कि अब राजधानी पटना में भी अपराधियों को पकड़ने जा रही पुलिस पर हमले शुरू हो गये हैं. राजधानी पटना में भी अब छापेमारी के दौरान पुलिस सुरक्षित नहीं है. बीती रात पटना के पीरबहोर इलाके में अपराधियों ने पुलिस टीम के ऊपर हमला किया है.

पुलिस को मिली थी हथियार होने की सूचना

पटना की सड़क पर पुलिस टीम को दौड़ा-दौड़ा कर पीटने का मामला सामने आया है. मामला पटना के पीरबहोर थाना इलाके के पटना मार्केट के पास का है. पुलिस को जानकारी मिली थी कि यहां कुछ लोग हथियार से लैस होकर किसी प्लानिंग में जुटे हुए हैं. पुलिस की टीम मौके पर पहुंची, तो शिया मस्जिद के पास खड़े चार युवकों की तलाशी लेने लगी.

तलाशी में नहीं हुआ था कुछ भी बरामद

तलाशी के बाद पुलिस ने इन चारों युवकों को अपने साथ थाने लेकर आने लगी. इसी दौरान वहां मौजूद असामाजिक तत्वों ने पुलिसवालों पर हमला बोल दिया. जिन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया था ना केवल उन्हें छुड़ा लिया, बल्कि पुलिस वालों को दौड़ा-दौड़ा कर सड़क पर पीटा. पीरबहोर थाने की पुलिस टीम पटना की सड़क पर पिटते रही और किसी तरह भागकर उन्होंने अपनी जान बचायी.

लोगों ने किया थाने का घेराव

असामाजिक तत्व इतने पर ही नहीं रुके. फिर बाहर थाना इलाके के इन लोगों ने थाने का घेराव तक कर लिया. लोग आरोप लगा रहे थे कि पुलिस सादी वर्दी में पटना मार्केट के पास स्थित शिया मस्जिद पर पहुंची थी और बेवजह लोगों को परेशान कर रही थी. हथियार जांच के नाम पर लोगों की तलाशी ली जा रही थी और कुछ नहीं मिलने के बावजूद बहस करने के आरोप में युवकों को हिरासत में ले रही थी.

लोगों केआगे झुकी पुलिस, युवकों को छोड‍़ा

उधर, पुलिस का कहना है कि उसके पास यह जानकारी मिली थी कि कुछ अपराधी किस्म के युवक हथियार से लैस होकर शिया मस्जिद के पास मौजूद है. काफी देर तक इस मामले को लेकर पीरबहोर थाने के आसपास हंगामा होता रहा. आखिरकार असामाजिक तत्वों के सामने पुलिस को ही झुकना पड़ा और लोगों को समझा-बुझाकर किसी तरह वापस किया गया.

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