BPSC अध्यक्ष का केके पाठक को करारा जवाब, डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन से शिक्षकों की ड्यूटी हटाने पर दी प्रतिक्रिया
बीपीएससी के चेयरमैन अतुल प्रसाद ने बिना नाम लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पर निशाना साधा है. अतुल प्रसाद ने सोशल साइट एक्स पर अपनी भड़ास निकाली है. उन्होंने शिक्षक बहाली के दस्तावेज सत्यपन कार्य से शिक्षकों की ड्यूटी हटाने पर प्रतिक्रिया दी है.
बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा विद्यालय अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए परीक्षा होने के बाद अब अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन और ओएमआर शीट की स्कैनिंग का कार्य चल रहा है. इस कार्य में स्कूलों के शिक्षक भी लगाए गए थे. लेकिन शिक्षा विभाग ने पदाधिकारियों, कर्मियों और शिक्षकों की ड्यूटी इस कार्य से हटवा ली. जिसके बाद अब बीपीएससी के चेयरमैन अतुल प्रसाद ने बिना नाम लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पर निशाना साधा है. अतुल प्रसाद ने सोशल साइट एक्स पर अपनी भड़ास निकाली है. उन्होंने कहा है कि इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन कुछ तत्व शिक्षक बहाली परीक्षा की डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को रद्द करवाना चाहते हैं, उन्हें और अधिक प्रयास करना चाहिए. जिसके बाद इस मामले में विवाद गहरा गया है.
बीपीएससी चेयरमैन ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
बीपीएससी चेयरमैन अतुल प्रसाद ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि “सरकार खुद ही पहले अपने अधिकारियों की नियुक्ति करती है और बाद में बदलाव करती है. हमें इससे कोई सरोकार नहीं है.’ लेकिन जिन तत्वों ने इस बहाने हमारे शिक्षक नियुक्ति दस्तावेज सत्यापन को रद्द करने की कोशिश की, उन्हें और अधिक प्रयास करना चाहिए.
Govt deputes its officers and changes later. It doesn't concern us at all. But on this pretext, elements who tried to get our TRE-DV cancelled should try harder.
— Atul Prasad (@atulpmail) September 8, 2023
अतुल प्रसाद ने नहीं लिया केके पाठक का नाम
वैसे तो बीपीएससी चेयरमैन अतुल प्रसाद ने अपने द्वारा किए गए पोस्ट में किसी का नाम तो नहीं लिया. मगर ऐसा माना जा रहा है कि अतुल प्रसाद का निशाना केके पाठक पर ही था. दरअसल केके पाठक के निर्देश पर ही माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने मंगलवार को बिहार लोक सेवा आयोग के सचिव को पत्र लिखा था. जिसमें कहा गया था कि शिक्षकों के सत्यापन कार्य में लगाये जाने से असुविधा हो रही है. इस पर उन्होंने अपना रुख साफ करते हुए बताया था कि शिक्षक अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन में शिक्षकों और शिक्षा पदाधिकारियों को नहीं लगाया जा सकता है. उन्होंने सभी डीएम को से अनुरोध किया था कि शिक्षकों को बीपीएससी द्वारा ओएमआर सीट की ट्रेनिंग के लिए बिहार शिक्षा सेवा के प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों को स्कैनिंग हेतु प्रतिनियुक्त नहीं किया जाये.
मुख्य सचिव ने भी इस संबंध में जारी किया था पत्र
इस मामले में बिहार के मुख्य सचिव ने भी बुधवार को एक पत्र जारी कर सभी जिलाधिकारियों का कहा था कि दस्तावेज सत्यापन के कार्य में शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों, कर्मियों और शिक्षकों को छोड़कर जिला के किसी भी विभाग के पदाधिकारियों और कर्मियों के माध्यम से इस कार्य को कराया जाये. जिलाधिकारियों को कहा गया था कि इस कार्यों को समयबद्ध कार्यक्रम के तहत निष्पादित करने के लिए पदाधिकारियों व कर्मचारियों की आवश्यकता का आकलन करते हुए इस संबंध में अलग से संशोधित आदेश निर्गत किया जायेगा.
लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं केके पाठक
के के पाठक ने जब से शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का पद संभाला हैं तब से वो किसी न किसी कारण से सुर्खियों में बने हुए है. कभी शिक्षा मंत्री से टकराव तो कभी राजभवन से कोल्ड वॉर. स्कूलों में छुट्टियों की कटौती को लेकर उनके द्वारा दिए गए निर्देश ने भी बिहार राजनीति में हलचल मचा दी थी. केके पाठक अपने आदेशों और फरमानों की वजह से लगातार चर्चा में हैं. अब शिक्षक बहाली परीक्षा के डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए शिक्षिकों की प्रतिनियुक्ति को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. अब इस मामले में बीपीएससी और शिक्षा विभाग आमने सामने है.
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