24 पन्ने का सुसाइड नोट, 1 घंटे का वीडियो मैसेज, पत्नी से परेशान होकर सुसाइड करने वाले AI इंजीनियर की कहानी रुला देगी
Atul Subhash Suicide: बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले अतुल सुभाष ने पत्नी और ससुराल वालों से परेशान होकर आत्महत्या कर ली है. वह बेंगलुरु में रहकर AI इंजीनियरिंग का काम करता था. अतुल ने आत्महत्या से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट और 1 घंटे 20 मिनट का वीडियो संदेश जारी किया है.
Atul Subhash Suicide: बेंगलुरु में बिहार के समस्तीपुर के रहनेवाले एक AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने सुसाइड कर लिया है. बीते 9 दिसंबर को अतुल ने 1 घंटे 20 मिनट और 24 पन्ने का सुसाइट नोट जारी कर कहा कि उनके पास अब सुसाइड करने के सिवा कोई उपाय नहीं है. सुभाष ने अपनी आत्महत्या का जिम्मेदार पत्नी निकिता सिंघानिया, सास, साले और चचेरे ससुर को बताया है. मामले में पत्नी समेत चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. बता दें, आत्महत्या करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष पर फैमिली कोर्ट में भरण पोषण, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और तलाक के चार मामले चल रहे थे. इसके लिए वह हर तारीख पर बेंगलुरु से जौनपुर आते थे. दूसरी तरफ, अदालत के आदेश पर अतुल सुभाष हर महीने बेटे के भरण पोषण के लिए 40 हजार रुपये भी पत्नी को दे रहे थे. यह स्थिति तब थी, जब अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया की मासिक सैलरी 78 हजार रुपये है.
पत्नी और सास आत्महत्या के लिए उकसाती है…
अतुल की तरफ से जारी 24 पन्ने के सुसाइड नोट में लिखा है कि उसकी पत्नी और सास आत्महत्या के लिए उकसाती हैं. आगे अतुल ने लिखा कि इस मामले पर जब उन्होंने सास से बात किया तो सास ने कहा, ‘तुमने अभी तक सुसाइड नहीं किया, मुझे लगा आज तुम्हारे सुसाइड की खबर आएगी. इस पर अतुल ने उन्हें जवाब दिया कि मैं मर गया तो तुम लोगों की पार्टी कैसे चलेगी.’ इस पर उसके सास ने जवाब देते हुए कहा कि तुम्हारा बाप पैसे देगा. पति के मरने के बाद सारी संपत्ति पत्नी की होती है. तुम्हारे मां-बाप भी जल्दी मर जाएंगे. पूरी जिंदगी तेरा पूरा खानदान कोर्ट के चक्कर काटेगा.
न्याय नहीं मिले तो मेरी अस्थियां गटर में बहा देना: सुभाष
अपने सुसाइड नोट में अतुल ने यूपी के जौनपुर की एक जज पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने लिखा कि जज ने मामले को रफा-दफा करने के लिए 5 लाख रुपए की डिमांड की थी. अतुल ने आगे लिखा कि अगर मुझे न्याय नहीं मिले तो मेरी अस्थियां गटर में बहा देना. दरअसल, समस्तीपुर के पूसा के रहनेवाले अतुल सुभाष का शव बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट में उनके फ्लैट से बरामद हुआ है. उनके पड़ोसियों ने उनके घर का दरवाजा तोड़ा तो उनका शव फंदे से लटका मिला. कमरे से ‘Justice is Due’ यानी न्याय बाकी है लिखी एक तख्ती मिली है. अतुल के परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने अतुल की पत्नी समेत चार लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है.
1 घंटा 20 मिनट का वीडिया संदेश किया जारी
आत्महत्या से ठीक पहले अतुल ने 1 घंटे 20 मिनट का एक वीडियो संदेश भी जारी किया है. वीडियो में अतुल ने बताया कि जौनपुर की फैमिली कोर्ट में पत्नी निकिता सिंघानिया ने उसके खिलाफ चार मुकदमे दर्ज कराए थे. निकिता ने आरोप लगाया था कि 26 जून 2019 को उसकी शादी अतुल मोदी से हुई थी. शादी के बाद से ही ससुराल के लोग 10 लाख रुपये दहेज को लेकर उसे प्रताड़ित करते थे.
20 फरवरी को जन्म लिया बेटा
इस सदमे में उसके (निकिता के) पिता की मृत्यु हो गई. परिवार वालों के समझाने पर अतुल उसे (निकिता को) बेंगलुरु ले गया और 20 फरवरी 2020 को उसे एक बेटा हुआ. इसके बाद भी प्रताड़ना जारी रही. 17 मई 2021 को उसे पीटकर घर से निकाल दिया गया. तब से वह अपने बच्चे के साथ मायके में रह रही है.
बेटे के भरण पोषण के लिए दे रहे थे 40 हजार रुपए
अतुल की पत्नी निकिता ने अदालत को बताया कि अतुल मोदी बेंगलुरु में एक कंपनी में AI इंजीनियर हैं. उसका सालाना वेतन 40 लाख रुपये है. निकिता ने 16 जनवरी 2022 को अपने और बेटे के लिए प्रतिमाह दो लाख रुपये भरण पोषण की मांग करते हुए फैमिली कोर्ट में अतुल के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. हालांकि, निकिता की भी सैलरी अच्छी खासी है. कोर्ट ने 29 जुलाई 2024 को पत्नी के संबंध में भरण पोषण का प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया. साथ ही अतुल को आदेश दिया कि वह बेटे के भरण पोषण के लिए प्रतिमाह 40 हजार रुपये अपनी पत्नी को दे. दहेज उत्पीड़न के मामले में भी अतुल सुभाष मोदी ने कोर्ट में हाजिर होकर जमानत कराई थी. वहीं घरेलू हिंसा का मुकदमा अभी कोर्ट में चल रहा है. मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होनी थी.