बिहार: औरंगाबाद में विस्फोट की बड़ी साजिश नाकाम, पुलिस और CSF के संयुक्त ऑपरेशन में 1130 कुख्यात गिरफ्तार
बिहार के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बिहार पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों (CSF) का संयुक्त ऑपरेशन जारी है. बिहार पुलिस के एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया है कि पुलिस ने मई माह में 1150 कुख्यात सहित 34 हजार से अधिक अभियुक्तों की गिरफ्तारी की है.
बिहार के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बिहार पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों (CSF) का संयुक्त ऑपरेशन जारी है. औरंगाबाद में पिछले दिनों सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली. मदनपुर थाना क्षेत्र के गीजनिया बथाना पहाड़ी इलाके में सर्च ऑपरेशन में सुरक्षा बलों को 29 केन बम और 60 मीटर कोडेक्स तार बरामद हुआ. इसे नष्ट किया गया. अब बिहार पुलिस के एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया है कि पुलिस ने मई माह में 1150 कुख्यात सहित 34 हजार से अधिक अभियुक्तों की गिरफ्तारी की है. साथ ही, 15 नक्सलियों को भी गिरफ्तार किया गया है.
मई माह में 1130 कुख्यात सहित 34 हजार से अधिक अभियुक्त हुए गिरफ्तार
बिहार पुलिस ने मई माह में 1150 कुख्यात सहित 34 हजार से अधिक अभियुक्तों की गिरफ्तारी की है. इस माह 15 नक्सलियों को गिरफ्तार करने के साथ ही 408 अवैध आग्नेयास्त्रों की बरामदगी में भी सफलता मिली. बिहार पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक मई 2023 में पिछले दो वर्षों के मई माह के मुकाबले करीब 29 फीसदी अधिक अपराधी गिरफ्तार हुए. मई 2022 में यह आंकड़ा 26771, जबकि मई 2021 में मात्र 9062 था. गिरफ्तार कुख्यात अपराधियों की संख्या भी मई 2022 में 834 के मुकाबले मई 2023 में 35 फीसदी बढ़ कर 1130 हो गयी. गोला-बारूद की बरामदगी 55 फीसदी अधिक हुई. मई 2022 में 1193 के मुकाबले मई 2023 में 1855 गोला- बारूद बरामद हुए. मई 2023 में 1963 किलोग्राम गांजा और 3.20 लाख लीटर शराब की बरामदगी में भी सफलता मिली है. यह पिछले दो वर्षों के मुकाबले काफी अधिक है.
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स्पीडी ट्रायल से 705 को दिलायी गयी सजा
बिहार पुलिस के एडीजी (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि मई 2023 में 517 कांडों में 705 अभियुक्तों को सजा दिलायी गयी. इसमें करगहर (रोहतास) के 2019 के एक मामले में अभियुक्त शाहिद को मृत्युदंड की सजा सुनायी गयी. इस कांड में अभियुक्त के द्वारा एक लड़की के साथ बलात्कार कर हत्या कर दी गयी थी. स्पीडी ट्रायल के माध्यम से 85 अभियुक्तों को आजीवन कारावास, जबकि 62 अभियुक्तों को 10 वर्ष या उससे अधिक की सजा मिली. इसके अलावा पॉक्सो के 74 कांडों में 92 अभियुक्तों को, जबकि बलात्कार के 11 कांडों में 12 अभियुक्तों की दोषसिद्धि हुई. एडीजी मुख्यालय ने बताया कि मई 2022 की तुलना में मई 2023 में 67 फीसदी अधिक अभियुक्तों को स्पीडी ट्रायल के तहत सजा दिलायी गयी. इस माह सबसे अधिक 140 अभियुक्तों को पटना जिला, 56 को भोजपुर, 49 को समस्तीपुर, 32-32 को रोहतास और मधुबनी तथा 30 को भागलपुर जिले में स्पीडी ट्रायल के तहत सजा मिली.