पटना. झूठा हलफनामा दायर करने के मामले में हाइकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए औरंगाबाद के डीएम को 29 सितंबर को तलब किया है. न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने अतिक्रमण से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया.
कोर्ट ने औरंगाबाद के डीएम पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ऑफिसर को कहा कि वह 29 सितंबर को साढ़े दस बजे हाइकोर्ट में पदस्थापित सार्जेंट मेजर और पुलिस पदाधिकारी को सुनवाई के समय उपस्थित रहने को कहें, ताकि जरूरत पड़ी, तो डीएम को जेल भी भेजा जा सकता है.
इधर, हत्या के एक फरार अभियुक्त को कोर्ट के आदेश के बाद भी गिरफ्तार नहीं किये जाने पर हाइकोर्ट ने औरंगाबाद के एसपी को दो नवंबर को तलब किया है. माना जा रहा है कि इस मामले में भी कोर्ट प्रशासन के रवैये पर सख्त फैसला ले सकता है.
हाइकोर्ट ने गोपालगंज के डीएम के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की है. न्यायाधीश संदीप कुमार की कोर्ट ने महाधिवक्ता से कहा कि लगता है गोपालगंज के जिलाधिकारी अपने यहां लंबित मामलों में जो भी आदेश पारित करते हैं, वह कानून के दायरे में रहकर नहीं, बल्कि मनमाने ढंग से आदेश पारित करते हैं.
कोर्ट ने कहा कि राजस्व और भू अर्जन से जुड़े जितने भी मामलों की सुनवाई कर उन्होंने आदेश पारित किया है, कोर्ट ने उसमें गंभीर कानूनी चूक पाया है. कोर्ट में मौजूद महाधिवक्ता ललित किशोर से कहा कि आप खुद उनके द्वारा पारित किये गये किसी भी आदेश को देखेंगे, तो आपको पता चल जायेगा. कोर्ट ने कहा कि ऐसे पदाधिकारियों को दक्षता परीक्षा पास करना आवश्यक है.