Weather News बिहार के औरंगाबाद जिले में मौसम अभी भी गड़बड़ चल रहा है. इसी बीच मौसम विभाग ने यल्लो अलर्ट जारी कर दिया है. बताया जा रहा है कि 30 अप्रैल और एक मई को मेघ गर्जन के साथ आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है. पिछले कुछ दिनों से आसमान बादलों से ढंका रह रहा है. साथ ही तेज हवा के साथ बारिश भी होती रही है. बेमौसम बारिश का असर मानव स्वास्थ्य से लेकर गेंहू प्याज व गर्मा सब्जी की खेती पर पड़ी है. इधर अभी भी एक सप्ताह तक मौसम में उतार-चढ़ाव होना है. इस संबंध में जानकारी देते हुए केविके के मौसम वैज्ञानिक डॉ अनूप कुमार चौबे ने बताया कि दो मई यानी एक सप्ताह तक आकाश में मध्यम बादल छाए रहेंगे. इस दौरान 30 अप्रैल और एक मई को मेघ गर्जन के साथ आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है. ऐसे में मौसम विभाग ने यल्लो अलर्ट कर लोगों को सचेत किया है.
साथ ही उन्होंने बताया कि इस बीच 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से तेज हवा चलेगी. जिले के विभिन्न क्षेत्रों में हल्की से लेकर मध्यम बारिश भी हो सकती है. मौसम पूर्वानुमान के अनुसार शुक्रवार को मौसम का तापमान 34 डिग्री सेल्सियस, शनिवार को 36 डिग्री, रविवार को 34 डिग्री सोमवार को 31.5 तथा मंगलवार को 30 डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना है. वहीं मौसम का न्यूनतम तापमान डाउन कर 22 डिग्री से 17 डिग्री तक चली आयेगी. मौसम की बेरुखी से एक तरफ लोगों को लू से निजात मिलेगी. वहीं कृषि व्यवस्था चौपट हो सकती है. उन्होंने बताया कि 26 अप्रैल को अधिकतम तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस व 27 अप्रैल को न्यूनतम तापमान 22.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है.
Also Read: Air India में नौकरी का सुनहरा अवसर, भर्ती किये जाएंगे 1000 नए पायलट
केविके के प्रधान मौसम वैज्ञानिक डॉ नित्यानंद ने बताया कि पर्यावरण प्रदूषण के कारण जलवायु परिवर्तन की अनिश्चिता बढ़ गई है. वर्तमान परिवेश में धड़ल्ले से हरे-पेड़ों की कटाई हो रही है. कोई व्यक्ति पेड़ पौधा लगाने को तैयार नहीं है. दूसरे तरफ कृत्रिम संसाधन एसी, कूलर, इंडस्ट्रीज, खुले में शौच करने, प्लास्टिक का प्रयोग करने व सड़कों पर पुरानी गाड़ियों के परिचालन होने से पर्यावरण में कार्बन मोनोक्साईड विषैला गैस फैल रहा है. इसका असर पर्यावरण पड़ रहा है. पर्यावरण प्रदूषण के कारण जलवायु परिवर्तन में अनिश्चिता बढ गई है. उन्होंने बताया कि जाड़े में गर्मी, गर्मी में बरसात व बरसात में लू चल रही है. इससे बचने के लिए लोगों को जागरूक होना होगा.