मदनपुर : टेक्नोलॉजी के बढ़ते दायरे के बीच हर रोज हो रहे साइबर अपराध पुलिस के लिए मुसीबत बन गये हैं. अपराधी टेक्नोलॉजी के जरिये अपराध करते हैं और पुलिस संसाधनों के अभाव में उन तक अपनी पकड़ मजबूत नहीं कर पाती. ऐसे मामले में पुलिस पहले तो मुकदमा ही दर्ज नहीं करती और मामला दर्ज भी हो जाये, तो संसाधनों के अभाव में जांच के नाम पर कोरम पूरा करती है. साइबर क्राइम का एक मामला सोमवार को प्रखंड क्षेत्र के महुआवा गांव के एक व्यक्ति के लालजी नोनिया के साथ हुआ. किसी शातिर ने उनके खाते से 33 हजार रूपये निकाल लिये. लाल जी का स्टेट बैंक, मदनपुर में खाता है. लाल जी ने बताया कि उनके मोबाइल पर एक फोन आया कि उनका एटीएम कार्ड बंद कर दिया गया है.
मैसेज भेजा जा रहा है. चालू करने के लिए उसमें ओटीपी नंबर बतायें. जैसे ही लाल जी ने नंबर बताया कि छह बार में शातिर ने 33 हजार निकाल लिए. वह भी अलग-अलग कंपनियों के नाम पर निकाले गये. जैसे ही लालजी के मोबाइल पर पैसे निकालने का मैसेज पहुंचा, वे तुरंत बैंक पहुंचे और एटीएम कार्ड बंद कराया. बाद में युवक ने अपनी व्यथा थाने जाकर बतायी. औरंगाबाद जिले में यह कोई नया मामला नहीं है. आये दिन शहर से लेकर गांव तक के भोले-भाले लोग साइबर क्राइम का शिकार हो रहे हैं.