नौ साल पुरानी आर्मी की नौकरी छोड़ अपराधी बन गया अशोक
औरंगाबाद नगर : बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए इकट्ठा हुए जिन पांच अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उसमें एक आर्मी का जवान भी शामिल है, जो जिले के बारुण थाना क्षेत्र के धनौती गांव का रहनेवाला है और उसका नाम अशोक कुमार सिंह है. इससे संबंधित जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक […]
औरंगाबाद नगर : बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए इकट्ठा हुए जिन पांच अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उसमें एक आर्मी का जवान भी शामिल है, जो जिले के बारुण थाना क्षेत्र के धनौती गांव का रहनेवाला है और उसका नाम अशोक कुमार सिंह है. इससे संबंधित जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक डा सत्यप्रकाश ने बताया कि अशोक नौ साल तक सेना (आर्मी) में कार्यरत था.
उसके बाद वह नौकरी छोड़ कर भाग गया और जिले में रह कर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने लगा. हालांकि, अशोक ने नौकरी किस कारण से छोड़ी और अपराधी क्यों बना, यह अब तक पुलिस को नहीं बताया है, लेकिन वह एक खूंखार अपराधी है. इसका गिरोह बिहार के अलावे झारखंड राज्य में सक्रिय है. इसका मुख्य पेशा लोगों से लूटपाट करना है. यह पहले भी कई मामलों में जेल जा चुका है. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि 10 जुलाई को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के लखनीखाफ गांव के समीप से जो 12 लाख रुपये की लूट हुई थी,
उसमें झारखंड के पलामू जिले के हुसैनाबाद थाना के कंचनबाग निवासी अशोक यादव लाइनर का काम कर रहा था. उसके साथ में एक और अपराधी पुकार मेहता था, जो अभी पुलिस की पकड़ से फरार है. यही नहीं टूनु मेहता उर्फ शशिकांत मेहता जो गिरफ्तार हुआ है, वह हाल ही के दिनों में बाइक लूटकांड मामले में जेल से छूट कर बाहर आया था और फिर से बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए औरंगाबाद पहुंचा था. इसके अलावे गिरफ्तार राहुल यादव ने मुखिया मुन्ना सिंह की हत्या में लाइनर का काम किया था.
गिरफ्तार सभी पांचों अपराधियों ने औरंगाबाद के कई कांडों में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. झारखंड में भी दर्जनों लूटकांड में शामिल रहे हैं. सासाराम में भी लूट जैसी बड़ी घटना को अंजाम दे चुके हैं. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरफ्तारी के समय पुलिस के साथ इन अपराधियों ने बहस भी की और भागने का प्रयास भी किया था.