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सरकारी स्कूलों की दशा में सुधार लाकर लेंगे दम
नगर भवन में रालोसपा ने आयोजित किया शिक्षा सुधार सम्मेलन उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार यूपी व झारखंड के सरकारी स्कूलों की हालत पर जतायी चिंता औरंगाबाद नगर : रविवार को राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का शिक्षा सुधार जिला सम्मेलन का आयोजन नगर भवन में किया गया़ इसका उद्घाटन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मानव […]
नगर भवन में रालोसपा ने आयोजित किया शिक्षा सुधार सम्मेलन
उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार यूपी व झारखंड के सरकारी स्कूलों की हालत पर जतायी चिंता
औरंगाबाद नगर : रविवार को राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का शिक्षा सुधार जिला सम्मेलन का आयोजन नगर भवन में किया गया़ इसका उद्घाटन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी, पूर्व मंत्री नागमणि, भगवान सिंह कुशवाहा ने संयुक्त रूप से किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राजीव कुमार बब्लू व संचालन प्रदेश सचिव अशोक मेहता ने किया़ सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री कुशवाहा ने कहा कि जो हमारी 25 मांगे हैं, यदि उसे मान लिया जायेगा, तो शिक्षा में सुधार हो जायेगा़ शिक्षा में सुधार लाने की जिम्मेवारी केंद्र व राज्य सरकार दोनों की है़. केंद्र सरकार केंद्रीय विद्यालय व नवोदय विद्यालय चलाती है, जिसमें पढ़नेवाले बच्चों का रिजल्ट 90 प्रतिशत होता है, लेकिन बिहार का जो रिजल्ट आता है, वह काफी चिंतनीय होता है़
इसलिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शिक्षा में सुधार लाना होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि शिक्षा को गांव-गांव तक पहुंचाना है़ छह से 14 वर्ष तक के बच्चों को निशुल्क शिक्षा देनी है़ बच्चे पढ़ने जा रहे हैं, लेकिन सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का घोर अभाव है. यह बिहार ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश, झारखंड सहित अन्य राज्यों में भी है़ प्रधानमंत्री चिंतित हैं कि सरकारी विद्यालयों में सुधार कैसे किया जाये़ इसके लिए कानून बना हुआ है, जिसे अब केंद्र सरकार द्वारा लागू किया जा रहा है़
जब तक वर्ग में पढ़नेवाले बच्चे उत्तीर्ण नहीं होंगे, तब तक अगले वर्ग में दाखिला नहीं होगा़ यही नहीं यह भी देखना है कि किस क्लास का बच्चा कौन विषय का ज्यादा चयन कर रहा है और कौन सही तरीके से पढ़ाई नहीं कर पा रहा है़ इसके बाद शिक्षकों की जिम्मेवारी तय की जायेगी़ इसके लिए समय-समय पर पढ़ाई का मूल्यांकन होगा़ निजी विद्यालय के लोग अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने तय कर लिया है कि प्राइवेट स्कूलों को भी एनसीइआरटी से किताबें उपलब्ध करायी जायेंगी. लोग केंद्रीय विद्यालय के पीछे इसलिए भागते हैं कि वहां पर अच्छी पढ़ाई होती है़
इस जिले में पहले से एक केंद्रीय विद्यालय है और जल्द ही दो केंद्रीय विद्यालय खोले जायेंगे. मिड डे मिल से मास्टर साहब को अलग किया जाये, इस पर भी हम विचार कर रहे हैं, क्योंकि इसे बंद नहीं किया जा सकता़ इससे विद्यालय में बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है और गरीब परिवार के बच्चों को इससे लाभ मिलता है. कुछ लोग एमडीएम के बजाय पैसा देने की बात करते हैं यह संभव नहीं होगा़ हर हाल में बच्चों को खाना ही मिलेगा़
72 साल में भी शिक्षा में नहीं हुअा सुधार : सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा ने कहा कि 72 साल समय बीत गया, जिसमें 46 साल कांग्रेस ने राज किया, फिर भी शिक्षा व्यवस्था में कोई सुधार नहीं किया गया. 78 हजार विद्यालय बिहार में है़ इनमें साढ़े नौ हजार विद्यालयों को अपना भवन नसीब नहीं है़ शिक्षकों के सवा दो लाख पद खाली हैं.
यदि आपसे नहीं हो रहा है, तो उपेंद्र कुशवाहा को कमान दे दीजिए़ 26 हजार विद्यालयों में हेडमास्टर नहीं है़ं पूर्व मंत्री नागमणी ने कहा कि बिहार में शिक्षा की हालत क्या है, यह किसी से छिपा नहीं है़ बच्चे पढाई के लिए विद्यालय जाते हैं, लेकिन उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल रही है़ सम्मेलन को विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह, रवींद्र सिंह, चंद्रभूषण वर्मा, हिमांशु पटेल, सत्यानंद दागी, सुनैना देवी, अमर उजाला, रामबिहारी सिंह ने संबोधित किया.
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