मुहर्रम के जुलूस व मूर्ति विसर्जन को लेकर हो रहे पुख्ता इंतजाम
संवेदनशील स्थानों पर पुलिस की पैनी नजर औरंगाबाद सदर : दशहरा और मुहर्रम साथ-साथ पड़ने से पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अपनी गतिविधि शुरू कर दी है. हिंदू और मुस्लिम समुदाय के एक साथ शुरू होनेवाले पर्व को देखते हुए पूरे जिले में सुरक्षा के खास इंतजाम किये जा रहे हैं. वहीं पूजा पंडालों […]
संवेदनशील स्थानों पर पुलिस की पैनी नजर
औरंगाबाद सदर : दशहरा और मुहर्रम साथ-साथ पड़ने से पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अपनी गतिविधि शुरू कर दी है. हिंदू और मुस्लिम समुदाय के एक साथ शुरू होनेवाले पर्व को देखते हुए पूरे जिले में सुरक्षा के खास इंतजाम किये जा रहे हैं.
वहीं पूजा पंडालों से लेकर सड़कों तक सुरक्षा व्यवस्था के खास इंतजाम रखने की बात कही जा रही है. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पिछले सप्ताह समाहरणालय में पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारियों की एक बैठक भी हुई थी. इसके अलावे हर थाने में शांति समिति की बैठक में आपसी सौहार्द बनाये रखने की बात भी कही गयी. सप्तमी से पूजा पंडालों में स्थापित माता रानी के पट खुल जायेंगे और 30 सितंबर को मां दुर्गा का विसर्जन किया जायेगा.
इसके साथ ही मुहर्रम के जुलूस की तिथि भी इसी विसर्जन की तिथि से मिल रही है, जिसके वजह से विधि-व्यवस्था को देखते हुए एक और दो अक्तूबर को मुहर्रम का जुलूस निकाला जायेगा. ऐसे में शांति-व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.
सभी संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त पुलिस बलों की होगी तैनाती
औरंगाबाद पुलिस दशहरा के विसर्जन और मुहर्रम के जुलूस को लेकर काफी गंभीर है. एसपी डाॅ सत्यप्रकाश ने शहर के संवेदनशील स्थानों पर पर्व को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बलों की तैनाती की बात कही है.
इन जगहों पर दंडाधिकारियों के अलावे पुलिस बल के जवानों को सुरक्षा में लगाया जायेगा. इसके अलावे असामाजिक तत्वों पर पुलिस की पैनी नजर होगी. बैठक के दौरान विधि-व्यवस्था को लेकर लिये गये निर्णय में दशहरा का विसर्जन और मुहर्रम का जुलूस निर्धारित रूट से ही होगा, लेकिन दोनों कार्यक्रम एक साथ नहीं किये जायेंगे. करबला से अखाड़ों के लिए मिट्टी लाने का कार्यक्रम भी सादगी के साथ किया जायेगा.
सोशल मीडिया की गतिविधियों पर नजर रखेगा स्पेशल साॅफ्टवेयर
अक्सर पर्व त्योहार के अवसर पर माहौल बिगाड़ने की कोशिश में कुछ असामाजिक तत्व लगे होते हैं. इन दिनों ऐसे लोगों के लिए सबसे आसान और सुलभ तरीका सोशल मीडिया पर भ्रामक व भड़काउ संदेश छोड़ देना बन गया है.
ऐसे में पुलिस ने सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखने की बात कही है. इसके लिए अलग से एक साॅफ्टवेयर भी मंगाया गया है, जिसके माध्यम से सोशल मीडिया पर नजर रखी जायेगी और भड़काउ फोटो, मैसेज भेजनेवाले लोगों पर कार्रवाई की जायेगी. ऐसे मामले में ग्रुप एडमिन पर भी कार्रवाई की जा सकती है.
संवेदनशील घोषित हुए ये इलाके
औरंगाबाद पुलिस ने महाराजगंज, जोगिया, दाउदनगर, रफीगंज और जिला मुख्यालय को संवेदनशील स्थान के तौर पर चिह्नित किया है. अक्सर दो समुदायों के पर्व एक साथ पड़ने पर इन जगहों पर पूर्व में घटनाएं घट चुकी हैं. ऐसे में पुलिस ने इन पांचों संवेदनशील जगहों के लिए सीआरपीएफ की टुकड़ियों को सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभालने के लिए बुलाया है. अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती इन जगहों पर की जायेगी. साथ ही, हर संवेदनशील स्थानों पर महिला पुलिस की भी तैनाती की जा रही है.
पहचान पत्र के साथ होंगे पूजा कमेटियों के वालंटियर
विभिन्न पूजा समितियों द्वारा आयोजित दुर्गापूजा समारोह के अवसर पर पूजा पंडालों में जहां एक तरफ पुलिस बल तैनात होंगे, वहीं औरंगाबाद पुलिस ने पूजा समिति के कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि पूजा समारोह के दौरान सभी वालंटियर अपने पहचानपत्र के साथ पंडालों में होंगे.
पहचान पत्र के होने से असामाजिक तत्वों को पहचानने में आसानी हो सकेगी. साथ ही, पूजा पंडालों के आसपास अलग से पार्किंग की व्यवस्था भी बनाने की बात कही गयी है.
3500 लोगों पर धारा 107 के तहत हो रही कार्रवाई
दुर्गापूजा और मुहर्रम को देखते हुए औरंगाबाद पुलिस 3500 लोगों पर धारा 107 के तहत निरोधात्मक कार्रवाई कर रही है. इसके अलावे एक हजार लोगों से धारा 110 और 116 के तहत बांड डाउन भी कराया जा रहा है.
पुलिस ने सख्त निर्देश दिये हैं कि किसी भी तरह की अप्रिय घटना और वारदात होने पर इसकी पूरी जिम्मेदारी बांड डाउन किये लोगों पर ही जायेगी. अगर वे किसी तरह की गलत हरकत करते हैं, तो पुलिस उन्हें तुरंत पकड़ेगी.