औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबाद में सरकारी योजनाओं का लाभ जागरूकता के अभाव में गरीब व निर्धन परिवार नहीं उठा पा रहे हैं. दूसरी तरफ उनके हक पर बिचौलिये मौज कर रहे हैं. मदनपुर प्रखंड के मनिका टोले रघुनी बिगहा, घोड़ा डिहरी और मुखौता गांव के करीब 150 दलित व महादलित परिवार ऐसे ही एक मामले में न्याय की गुहार लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे.
रविंद्र भुइंया, महेंद्र भुइंया, गणेश भुइंया, संगीता देवी, कंचन देवी, सोनामती देवी, गुलबिया देवी, कौशल्या देवी, अनिता देवी, प्रभा देवी, कारू भुइंया आदि ने बताया कि वर्ष 2015-16 में घोड़ा डिहरी के टोला सेवक विफन भुइंया और कठवर के गुप्ता मेहता ने रोजगार करने के लिए पीएनबी शिवगंज से लोन दिलाने का सब्जबाग दिखाया. इसके तहत उन्हें 50 हजार का लोन मिलना था. कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद खाते में 13 से 15 हजार रुपये भी आये, लेकिन जो बची हुई रकम थी, वह खाते में नहीं आयी, बल्कि बिचौलिये बीच में ही लूट लिये.
अब बैंक द्वारा माल के साथ सूद का नोटिस भेजा गया है और भेजा जा रहा है. ऐसे में हम गरीब परिवार बिचौलियों की खामियाजा भुगत रहे है. इतना पैसा है नहीं कि बैंक को वापस करें. इधर, महादलित परिवारों के साथ रहे टोला सेवक विफन भुइंया ने कहा कि गुप्ता मेहता ने बिचौलिया की भूमिका निभायी. महादलितों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पैक्स अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने बताया कि विफन भुइंया और गुप्ता मेहता ने बिचौलिया की भूमिका निभायी व गरीबों का पैसा हजम कर लिया.
पता चला कि महादलितों ने प्रभारी डीएम से गुहार लगायी और प्रभारी डीएम ने पूरे मामले की जांच करने का आश्वासन दिया है. सवाल यह उठता है कि मामला उजागर हुआ, तो सिर्फ 150 लोगों का. बहुत से ऐसे गरीब परिवार होंगे, जो बिचौलियों के कारण अपना सबकुछ गंवाने को तैयार होंगे. वैसे यह लाखों का घोटाला है, जिसकी जांच आवश्यक प्रतीत हो रही है.
क्या कहते हैं बैंक प्रबंधक
पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंधक संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि पूरे मामले की जानकारी नहीं है. मुखौता गांव में 8-10 लोगों के पास टीम गयी थी, जिन्हें नोटिस किया गया है. पूरे मामले की जांच की जा रही है.