परीक्षा केंद्रों पर अव्यवस्था देख भड़के छात्र, हंगामा
9.45 बजे से थी परीक्षा साढ़े 10 बजे खुला कॉलेज का गेट औरंगाबाद सदर : गुरुवार को जिले के भिन्न-भिन्न परीक्षा केंद्रों पर इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों ने तांडव मचाया. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट के प्रैक्टिकल परीक्षा में हजारों की संख्या में पहुंचे छात्रों के साथ अभिभावकों ने परीक्षा केंद्रों पर व्यवस्था को […]
9.45 बजे से थी परीक्षा साढ़े 10 बजे खुला कॉलेज का गेट
औरंगाबाद सदर : गुरुवार को जिले के भिन्न-भिन्न परीक्षा केंद्रों पर इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों ने तांडव मचाया. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित इंटरमीडिएट के प्रैक्टिकल परीक्षा में हजारों की संख्या में पहुंचे छात्रों के साथ अभिभावकों ने परीक्षा केंद्रों पर व्यवस्था को लेकर हंगामा किया और छात्रों ने तोड़फोड़ व प्रदर्शन करते हुए सड़क जाम कर दिया. शहर के सिन्हा कॉलेज में घंटों बवाल का दौर चला और व्यवस्था से भड़के छात्रों ने कॉलेज गेट के समीप प्रदर्शन करते हुए सड़क को जाम किया. घंटों देर तक परीक्षा केंद्रों पर विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई.
गौरतलब है कि इंटरमीडिएट के प्रैक्टिकल की परीक्षा के लिए जिले में 17 परीक्षा केद्र बनाये गये थे. लेकिन, इन परीक्षा केंद्रों में से रामलखन सिंह यादव कॉलेज, सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज, राजर्षी विद्या मंदिर, किशोरी सिन्हा महिला कॉलेज, अनुग्रह इंटर स्कूल में किसी तरह की कोई व्यवस्था को न देख छात्र भड़क गये. सिन्हा कॉलेज, रामलखन सिंह यादव कॉलेज व राजर्षी विद्या मंदिर की स्थिति काफी नाजुक रही. इन तीनों परीक्षा केंद्रों पर किसी तरह की कोई व्यवस्था और न ही प्रैक्टिकल की सूचना का लिस्ट प्रकाशित किये जाने के कारण भड़के छात्रों ने हंगामे के साथ तोड़फोड़ भी की. सिन्हा कॉलेज कैंपस में रखे डस्टबीन, फूल पौधे और बोर्ड आदि को छात्रों ने नुकसान पहुंचाया. इस परीक्षा केंद्र पर करीब छात्रों के साथ अभिभावकों की संख्या दस हजार के पार दिखी. जब विधि व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ गयी, तो सिन्हा कॉलेज कर्मियों ने छात्रों के बीच आकर समझाने का प्रयास किया, लेकिन स्थिति काबू से बाहर रही. अंतत: परीक्षा केंद्र पर
पुलिस के जवानों को पहुंचने के बाद बल प्रयोग कर छात्रों के उपद्रव को रोकना पड़ा.
उपद्रव के पीछे महाविद्यालय की दिखी लापरवाही : इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों के हंगामे का कारण महाविद्यालय व विद्यालय की लापरवाही सामने आयी. प्रैक्टिकल के परीक्षा को इन महाविद्यालयों ने इतने हलके तरीके से लिया कि उसका खामियाजा बवाल के रूप में भुगतना पड़ा. परीक्षा को लेकर बवाल मचा रहे छात्रों का कहना था कि जब परीक्षा केंद्र निर्धारित कर दिये गये थे, तो उन केंद्रों पर व्यवस्था बहाल होनी चाहिए थी,
लेकिन परीक्षा केंद्रों पर कोई व्यवस्था नहीं की गयी और न ही प्रोग्राम साटे गये. छात्र-छात्राओं के लिए बैठने की व्यवस्था भी नहीं बनायी गयी. परीक्षार्थी समय से पहले परीक्षा केंद्रों पर पहुंच गये और करीब साढ़े 10 बजे तक गेट ही नहीं खुले थे. जबकि परीक्षा 9.45 बजे से शुरू हो जानी थी. इस व्यवस्था को लेकर छात्रों में महाविद्यालयों के प्रति काफी रोष देखने को मिला और इसका खामियाजा आम लोगों को भी भुगतना पड़ा. महाविद्यालय के अलावे छात्रों का तांडव सड़कों पर भी हुआ और परीक्षा केंद्र से छूटने के बाद छात्र-छात्राओं के हुजूम से पूरे दिन सड़क जाम रहा.