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सिनेमा घरों में नहीं लगी फिल्म पद्मावत

फिल्म पद्मावती का दर्शकों को इंतजार युवा वर्ग में अिधक मायूसी औरंगाबाद सदर : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी शहर के सिनेमाघरों में फिल्म पद्मावत को प्रदर्शित नहीं किया गया .लोग फिल्म का इंतजार ही करते रह गये. कुछ संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन के बाद शहर के सिनेमाघरों में पद्मावत प्रदर्शित नहीं किया […]

फिल्म पद्मावती का दर्शकों को इंतजार

युवा वर्ग में अिधक मायूसी
औरंगाबाद सदर : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी शहर के सिनेमाघरों में फिल्म पद्मावत को प्रदर्शित नहीं किया गया .लोग फिल्म का इंतजार ही करते रह गये. कुछ संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन के बाद शहर के सिनेमाघरों में पद्मावत प्रदर्शित नहीं किया गया. गौरतलब है कि गुरुवार को ही इस फिल्म को पूरे देश में रिलीज किया गया है. कुछ लोग इसके पक्ष में थे तो कुछ लोग विरोध में. ऐसे में पद्मावत मूवी पर रविवार को कुछ लोगों से बातचीत की गयी और उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया.
हंगामे के डर से शहर में नहीं लगी फिल्म :फिल्म के प्रदर्शन के एक दिन पूर्व बुधवार को देश के विभिन्न राज्यों में फिल्म पद्मावती के विरुद्ध जोरदार प्रदर्शन किया गया . जिसकी वजह से बहुत से जगहों पर फिल्म पद्मावत को सिनेमा हॉल में अब तक प्रदर्शित नहीं किया जा सका है. सिनेमा हॉल के मालिकों के बीच इस बात का डर दिखा कि वह फिल्म का शो शुरू करते हैं तो लोग उनके सिनेमाघर को नुकसान न पहुंचा दे.
पद्मावती फिल्म का नाम पद्मावत कर देने से इतिहास नहीं बदल जायेगा. राजपूतों के मान-सम्मान के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं. इस फिल्म के प्रदर्शन से एक बड़े जनसमूह की भावना आहत हो सकती है. मनोरंजन के नाम पर इतिहास के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता.
सुजीत कुमार सिंह, मुखिया संघ जिलाध्यक्ष
फिल्म पद्मावत को लेकर माहौल अच्छा नहीं है. कई राज्यों में तोड़फोड़ हुई है. लोग प्रदर्शन कर रहे है. ऐसी स्थिति को देखते हुए हॉल मालिक डरे हुए हैं. शहर के लोगों को इस फिल्म का इंतजार था,लेकिन अफसोस की यह फिल्म हॉल में नहीं लग सकी.
रवि कुमार रवि,जिला सचिव युवा राजद
औरंगाबाद शहर के सिनेमाघरों में सर्वाधिक दर्शक भोजपुरी फिल्मों के है. फिल्म पद्मावत के रिलिज होने न होने से यहां के दर्शकों को कोई फर्क नहीं पड़ता. सिनेमाघर में इस फिल्म को जगह नहीं देने का कारण यह भी है कि कोई भी व्यवसायी अपने धंधे का नुकसान नहीं चाहता. वैसे भी यह छोटा शहर है और हर लोग एक दूसरे से जुड़े हुए है.
धर्मवीर भारती, फिल्म निर्देशक सह युवा रंगकर्मी
फिल्म के प्रदर्शन की बात चल रही थी पर शहर के कुछ लोग व संगठनों ने इस पर आपत्ति जतायी. कई बार सिनेमा घर में आकर उन्होंने आवेदन दिये कि फिल्म पद्मावती का प्रदर्शन नहीं करें. कोई भी सिनेमाघर मालिक अपनी संपत्ति का नुकसान नहीं होने देना चाहता.
नाजिश इकबाल, मूवी ऑपरेटर ,लाला सिनेप्लेक्स
फिल्म को देखे बगैर किसी को गलत नहीं ठहराया जा सकता. फिल्म का प्रदर्शन होता तो यह जानने को मिलता कि कहानी क्या है. रही बात इतिहास के साथ छेड़छाड़ की तो इसकी इजाजत संविधान नहीं देता.
उदय उज्जवल,राजद नेता

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