नहीं मिला अनुमंडल का दर्जा

नवीनगर (औरंगाबाद) : ले के सबसे बड़े प्रखंड नवीनगर को अनुमंडल बनाने की मांग अब तक पूरी नहीं हो सकी है, जबकि अनुमंडल बनाने जैसी सभी शर्तो को यह प्रखंड पूरा करता है. बावजूद इसे अब तक अनुमंडल का दरजा प्राप्त नहीं हो सका है. नवीनगर को अनुमंडल बनाने की मांग वर्षो पूर्व से सभी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 7, 2014 4:42 AM

नवीनगर (औरंगाबाद) : ले के सबसे बड़े प्रखंड नवीनगर को अनुमंडल बनाने की मांग अब तक पूरी नहीं हो सकी है, जबकि अनुमंडल बनाने जैसी सभी शर्तो को यह प्रखंड पूरा करता है. बावजूद इसे अब तक अनुमंडल का दरजा प्राप्त नहीं हो सका है. नवीनगर को अनुमंडल बनाने की मांग वर्षो पूर्व से सभी दल के नेता से लेकर विभिन्न संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा उठाया जा रहा है.

यहां तक कि अनुमंडल बनाने की घोषणाएं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आदि कई वरीय नेताओं ने घोषणा भी की थी, परंतु इस ओर अब तक कोई सार्थक प्रयास नहीं हो सका है. जानकारों का कहना है कि नवीनगर अनुमंडल बनाने की सभी शर्तो को पूरा करता है. रेफरल अस्पताल, महाविद्यालय, शिक्षा से जुड़े कई कार्यालय, दूरसंचार, विद्युत विभाग की दो बड़ी परियोजनाएं समेत कई ऐसे कार्यालय है जो अनुमंडल स्तर के बताये जा रहे हैं.

अगर इस नवीनगर को सिविल अनुमंडल का दरजा मिल जाता है तो सरकार को कम आर्थिक बोझ भी सहने होंगे और जिले का प्रशासन तंत्र भी काफी सुदृढ़ रूप से कार्य करने में सक्षम होगा. वैसे भी अपराध ग्रस्त एवं उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र होने के कारण प्रशासन को इतनी बड़ी क्षेत्र में शांति व्यवस्था तथा कानून व्यवस्था बनाये रखने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है. 25 पंचायत एवं 35 पंचायत समिति सदस्य के साथ-साथ 14 वार्डो वाला नगर पंचायत नवीनगर को अनुमंडल बनाया गया तो क्षेत्र के लोगों को परेशानियां से भी निजात मिलेगी. प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीणों ने इस बात को स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी मांग पर अब तक किसी भी जनप्रतिनिधियों ने सार्थक प्रयास के साथ नहीं रखा, जिसके कारण अनुमंडल का दरजा अब तक प्राप्त नहीं हो सका है.

जबकि सांसद से लेकर विधायक तक सभी इस बात को स्वीकार करते है कि नवीनगर को अनुमंडल का दरजा काफी पहले ही मिल जाना चाहिए था. अब तक अनुमंडल नहीं बनाये जाने से नवीनगर प्रखंड एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में निराशा का माहौल कायम है और लोगों में आक्रोश देशा जा रहा है.

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