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शराबबंदी के बाद अबतक 16 हजार लीटर से अधिक शराब हुई बरामद

शराब की खरीद फरोख्त धड़ल्ले से जारी दाउदनगर अनुमंडल : शहर का चावल बाजार क्षेत्र में स्थित एक गली की नाली में हर दिन शराब की खाली बोतलें फेंकी हुई दिखती हैं. वहीं दाउदनगर शहर के पचकठवा मुहल्ला स्थित एक विद्यालय के पास शराब के खाली पाउच आये दिन दिखते हैं. कुछ दिन पहले पुराना […]

शराब की खरीद फरोख्त धड़ल्ले से जारी

दाउदनगर अनुमंडल : शहर का चावल बाजार क्षेत्र में स्थित एक गली की नाली में हर दिन शराब की खाली बोतलें फेंकी हुई दिखती हैं. वहीं दाउदनगर शहर के पचकठवा मुहल्ला स्थित एक विद्यालय के पास शराब के खाली पाउच आये दिन दिखते हैं. कुछ दिन पहले पुराना शहर इलाके में कूड़े के ढेर से शराब के पाउच बरामद किये गये.
जनवरी महीने की शुरुआत में ही शहर के पुराना शहर स्थित एक मकान से भारी मात्रा में देशी व विदेशी शराब बरामद किये गये थे. दाउदनगर थाना क्षेत्र के एक गांव में स्थित एक खेत में मड़ईनुमा झोपड़ी से कुछ दिन पहले काफी संख्या में शराब बरामद किये गये. यह सब महज कुछ उदाहरण है, जिससे यह पता चलता है कि बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद भी शराब पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लग पाया है.
धंधेबाज भी हो रहे िगरफ्तार, पर नहीं रुक रहा अवैध धंधा :
1अप्रैल 2016 को बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद शराब पर अंकुश तो लगा, लेकिन जिस तरह से आये दिन शराब बरामद हो रहे हैं या शराबी पकड़े जा रहे हैं या फिर विभिन्न स्थानों पर शराब की बोतलें या शराब के पाउच फेंके हुए देखे जाते हैं, उससे यही प्रतीत होता है कि शराब का धंधा जोरों पर है. यह पूरी तरह से थम नहीं पा रहा है.
इस पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. शराबबंदी के बाद दाउदनगर में अब तक 16 हजार लीटर से भी अधिक शराब बरामद की गयी है. सैकड़ों धंधेबाजों को पुलिस ने पकड़ कर जेल भेजा है. सैकड़ों पियक्कड़ भी गिरफ्तार किये गये हैं. इसके बावजूद अवैध तरीके से शराब की बिक्री रुकने का नाम नहीं ले रही है. शराबबंदी के बाद अंतर सिर्फ इतना हो गया है कि जब शराब चालू था तो शराबियों द्वारा खुलेआम शराब का सेवन किया जाता था व शराबबंदी के बाद अब चोरी छिपे इसका सेवन किया जा रहा है. पुलिस की लगातार कार्रवाई का ही परिणाम है कि कहीं न कहीं से शराब कारोबारी पकड़े जा रहे हैं,
लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि शराबबंदी लागू होने और तमाम प्रशासनिक उपाय के बाद भी आखिर शराब कैसे मुहैया हो जा रहा है. पुलिस व उत्पाद विभाग जिस तत्परता के साथ शराब कारोबारियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने में सक्रिय है,उसके बावजूद भी शराब कारोबारी आखिर शराब का खेप मंगवा पाने में सफल कैसे हो रहे हैं.
झारखंड से आती हैं शराब की खेपें: दाउदनगर में अब तक जितनी भी शराब बरामद हुई हैं, उसमें से अधिकांश झारखंड निर्मित बताये जाते हैं. सूत्रों का कहना है कि इस धंधे में छोटे से लेकर बड़े कारोबारियों का एक लंबा नेटवर्क बना हुआ है. कभी बाइक से तो कभी माल वाहक वाहनों से शराब की खेप मंगाई जाती है. इसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि शराबबंदी के बाद से अब तक दाउदनगर पुलिस द्वारा 50 से भी अधिक मोटरसाइकिलों के अलावा 10 अन्य वाहन भी जब्त किये जा चुके हैं.
इन वाहनों से शराब की खेप मंगाये जाते थे, जिसे पुलिस छापेमारी के क्रम में पकड़ा गया. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 1 अप्रैल 2016 से लेकर अब तक 285 शराबी व 181 शराब कारोबारी गिरफ्तार किये जा चुके हैं. पुलिस द्वारा अब तक दाउदनगर थाना क्षेत्र में 7 हजार 51 लीटर विदेशी शराब व 9 हजार 332 लीटर देशी शराब बरामद की गयी है. ये शराब शराबबंदी के बाद से अब तक किये गये कार्रवाई के तहत बरामद किये गये हैं. एक प्रकार से देखा जाये तो शराब कारोबारियों पर नकेल कसने के लिए प्रशासन द्वारा तो हर संभव कड़े उपाय किये गये हैं, लेकिन फिर भी शराब का धंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है.
लगातार चलाया जा रहा है अभियान
शराब के खिलाफ पुलिस द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है. सूचना मिलते छापेमारी की जा रही है और शराब कारोबारियों एवं शराबियों को पकड़ा जा रहा है. शराब एवं शराब कारोबारियों पर रोकथाम करने के लिए पुलिस पूरी तरह सजग व प्रयत्नशील है और सूचना मिलते ही त्वरित कार्रवाई की जा रही है .
अभय कुमार सिंह ,थानाध्यक्ष ,दाउदनगर

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