हथियारों की तस्करी में हासिल है महारत
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जेल में डेढ़ वर्ष बीता चुका है राहुल
हथियारों की तस्करी में हासिल है महारत औरंगाबाद/हसपुरा : हसपुरा थाना क्षेत्र के हैबसपुर गांव में रिंकी देवी की हत्या और पति राहुल को गोली मार कर जख्मी किये जाने की घटना के पीछे का मुख्य अपराधी मृतका का पति ही होने की आशंका जतायी जा रही है़ पत्नी रिंकी को गोली मार कर हत्या […]
औरंगाबाद/हसपुरा : हसपुरा थाना क्षेत्र के हैबसपुर गांव में रिंकी देवी की हत्या और पति राहुल को गोली मार कर जख्मी किये जाने की घटना के पीछे का मुख्य अपराधी मृतका का पति ही होने की आशंका जतायी जा रही है़ पत्नी रिंकी को गोली मार कर हत्या करने की घटना को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका पति राहुल ही है. फिलहाल राहुल पटना में इलाज करा रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि जिस गांव में यह घटना हुई उस गांव के लोग चुप्पी साधे हैं. मानो उन्हें कुछ पता ही नहीं. वहीं पुलिस ने चंद मिनटों की तहकीकात में ही हत्या के राज से पर्दा उठा दिया. अब बस इंतजार है तो राहुल को पटना से लौटने की.
हथियारों का सप्लायर है राहुल : पत्नी की हत्या करने वाले राहुल का आपराधिक इतिहास भी रहा है. इस बात का खुलासा घटना के बाद अपनी भतीजी खो चुके गया जिले मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बरेव गांव निवासी बबन सिंह ने हसपुरा थाना में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में की है. बबन सिंह कहना है कि राहुल गुड़गांव में काम करता था. वर्ष 2015 में वह अपने सेठ की बेटी को गोली मारने के आरोप में एक साल से अधिक तक वह जेल में रहा था. यही नहीं वह हथियारों की तस्करी भी करता था.
रुपये के लिए अपने परिवार के साथ रिंकी को करता था प्रताड़ित : राहुल और रिंकी की शादी वर्ष 2010 में हुई थी. शादी के तीन साल बाद नब्या नामक बच्ची का जन्म हुआ. इसके बाद रिंकी का ससुराल वालों ने प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. कई दफे मान-मनौव्वल का दौर चला. इसी बीच डेढ़ साल तक रिंकी को राहुल ने मायके में छोड़ दिया. आरोप है कि प्रताड़ना में राहुल के मौसा जयंत शर्मा, मौसी सुषमा देवी का भी सहयोग रहा है. पंचायतें बुलायी गयी और फिर चाचा बबन सिंह ने रिंकी को उसकी ससुराल छोड़ आये, लेकिन प्रताड़ना का दौर थमा नहीं. बात-बात को लेकर घर में विवाद होता था. बबन सिंह ने कहा है कि रिंकी को बार-बार मायके से पैसा लाने के लिए दबाव बनाया जाता था और जबर्दस्त तरीके से प्रताड़ित किया जाता था.
राहुल ने कहा, अपराधी घुसे थे घर में : राहुल ने अस्पताल में कुछ लोगों को बताया था कि उसके घर में कुछ अपराधी घुसे आये और जिस कमरे में वह सोया था उस कमरे से उसे खींच कर छत पर ले गये. जब पत्नी बचाने पहुंची तो उन लोगों ने उसे गोली मार दी और फिर मुझे भी.
अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही आयी सामने : हसपुरा रेफरल अस्पताल से राहुल को पटना रेफर किये जाने के बाद अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही भी उजागर हुई है. लोगों में चर्चा है कि जब राहुल मामूली रूप से घायल था तो उसे पटना क्यों रेफर किया गया. सदर अस्पताल औरंगाबाद रेफर किया जाना चाहिए था. इधर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि वह गंभीर रूप से घायल था. इसलिए उसे हायर सेंटर रेफर किया गया. इधर चर्चा है कि आनन-फानन में राहुल ने अपने आप को रेफर करवाया और फिर पटना चला गया.
नव्या के बदलते बयान से शक गहराया
राहुल के घर में उसकी पत्नी रिंकी, मां संबुजा देवी और पिता जयनंदन शर्मा रहते थे. घटना के बाद से राहुल की छह वर्षीय बेटी नब्या पूरी तरह घबड़ायी हुई थी. जब पुलिस के पदाधिकारी और मीडियाकर्मियों ने घटना के संबंध में उससे कुछ बातें पूछी तो उसके चेहरे पर घबड़ाहट व भय साफ तौर पर दिखने लगा था. बार-बार नब्या के बदलते बयान ने हत्या के पीछे किसी अपने के होने का संकेत देने लगा था. वह किसी को कुछ बताती तो किसी को कुछ और. मृतका के चाचा ने स्पष्ट किया कि घटना के बाद राहुल ने अपनी बेटी नब्या को डरा धमका रखा था. यही वजह थी कि वह बार-बार बयान बदल रही थी. नब्या कभी चार-पांच अपराधियों के घर में घुसने और घटना को अंजाम देने की बात बताती तो कभी वह मम्मी-पापा के बीच झगड़ा होने की बात बता रही थी. नब्या के बयान से पुलिस को यह समझते देर नहीं लगी कि कहीं न कहीं घटना के पीछे राहुल का ही हाथ है.
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