मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष ने न्यायालय में किया आत्मसमर्पण
रामनवमी जुलूस के दौरान उपद्रव के मामले में हैं नामजद आरोपित एसडीओ-एसडीपीओ पर लगाये गंभीर आरोप कहा-दोनों से है जान को खतरा औरंगाबाद नगर : शहर में रामनवमी जुलूस के दौरान उपद्रव के मामले में नामजद आरोपित मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष सुजीत कुमार सिंह ने मंगलवार को व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष […]
रामनवमी जुलूस के दौरान उपद्रव के मामले में हैं नामजद आरोपित
एसडीओ-एसडीपीओ पर लगाये गंभीर आरोप कहा-दोनों से है जान को खतरा
औरंगाबाद नगर : शहर में रामनवमी जुलूस के दौरान उपद्रव के मामले में नामजद आरोपित मुखिया संघ के जिलाध्यक्ष सुजीत कुमार सिंह ने मंगलवार को व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. आत्मसमर्पण करने के बाद जिलाध्यक्ष के वकील भानु प्रताप सिंह व परशुराम सिंह ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी से गुजारिश करते हुए कहा कि हिंसक झड़प मामले में एक मुखिया को फंसाया गया है.
ये निर्दोष हैं, इसलिए इन्हें बरी किया जाये, लेकिन मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने अधिवक्ता की गुजारिश को खारिज करते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. इस दौरान जिलाध्यक्ष श्री सिंह ने पत्रकारों को बताया कि जिस मामले में उन्हें फंसाया गया है, उस मामले में वह निर्दोष हैं. उन्होंने न तो जुलूस पर पथराव किया और न ही आगजनी की.
यदि जुलूस में शामिल होना अपराध है, तो वह हजार बार जेल जाने के लिए तैयार हैं. उन्हें जुलूस में शामिल होने से कोई नहीं रोक सकता. इस मामले में उनके छोटे भाई रणवीर प्रताप सिंह को भी जेल भेजा गया है, जबकि न तो वह जुलूस में शामिल था और न ही घर से बाहर निकला था. जिलाध्यक्ष ने कहा कि दूरभाष पर एक नेताजी से बात हुई थी. उन्होंने कहा था कि आईबी की रिपोर्ट है कि औरंगाबाद में हिंसक झड़प होगी और पूर्व वाले नेताजी करायेंगे.
आईबी की रिपोर्ट थी कि जुलूस में घटना घटेगी, तो जुलूस निकालने की अनुमति प्रशासन ने क्यों दी. क्यों नहीं इस पर कड़ाई से कार्य किया गया. एसडीओ-एसडीपीओ ने एक साजिश के तहत उन्हें फंसाया है. दोनों पदाधिकारियों से उन्हें जान का खतरा है.
न्यायालय पर पूर्ण भरोसा है कि न्याय मिलेगा. दोहरे चरित्रवाले नेताजी को चुनाव में सबक सिखाने का काम करूंगा.