समय पूरा, लक्ष्य अधूरा

औरंगाबाद (कोर्ट) : कभी धान अधिप्राप्ति में पूरे प्रदेश में अव्वल स्थान प्राप्त करने वाला औरंगाबाद जिला इस वित्तीय वर्ष में धान की खरीद में फिसड्डी साबित हो गया. पिछले वित्तीय वर्ष में यह जिला धान अधिप्राप्ति में पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर था. लेकिन, इस वर्ष अपना लक्ष्य भी पूरा नहीं कर पाया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2014 4:03 AM

औरंगाबाद (कोर्ट) : कभी धान अधिप्राप्ति में पूरे प्रदेश में अव्वल स्थान प्राप्त करने वाला औरंगाबाद जिला इस वित्तीय वर्ष में धान की खरीद में फिसड्डी साबित हो गया. पिछले वित्तीय वर्ष में यह जिला धान अधिप्राप्ति में पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर था. लेकिन, इस वर्ष अपना लक्ष्य भी पूरा नहीं कर पाया. जबकि, धान अधिप्राप्ति के लिए निर्धारित लक्ष्य प्राप्ति की अंतिम तिथि 30 अप्रैल तक ही थी. उल्लेखनीय है कि जिले में धान अधिप्राप्ति का कुल लक्ष्य एक लाख 51 हजार मीटरिक टन रखा गया था.

इसमें से एक लाख 20 मीटरिक टन पैक्स के माध्यम से व 31 हजार मीटरिक टन धान एसएफसी के माध्यम से सीधा किसानों से खरीदारी का लक्ष्य रखा गया था. पैक्सों के माध्यम से खरीद के लिए निर्धारित लक्ष्य में से मात्र 85 हजार 135 मीटरिक टन धान की ही खरीद हो सकी. हालांकि, एसएफसी द्वारा अपने लक्ष्य से अधिक धान की खरीद की गयी. एसएफसी के माध्यम से 31 हजार मीटरिक टन की जगह 43 हजार मीटरिक टन धान की खरीदारी की गयी. बताते चलें कि पिछले वित्तीय वर्ष में निर्धारित लक्ष्य से अधिक धान अधिप्राप्ति में प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर तत्कालीन जिलाधिकारी अभय कुमार को सरकार द्वारा सम्मानित भी किया गया था. पर, इस बार यह तसवीर बिल्कुल उलटा है. लक्ष्य से अधिक खरीदारी करना तो दूर लक्ष्य की प्राप्ति भी नहीं हो सकी है.

हालांकि, विभाग के पदाधिकारी इस साल इसके पीछे धान का उत्पादन कम होने का बहाना बना रहे हैं. लेकिन, गौरतलब है कि हसपुरा प्रखंड में पैक्स के माध्यम से धान की खरीद नहीं किये जाने के विरोध में किसानों ने आंदोलन का रुख अख्तियार करते हुए कई ट्रैक्टर धान जला दिया था. यह घटना लगातार दो-तीन दिनों तक हुई थी. किसानों ने धान की खरीद नहीं होने से आक्रोशित हुए थे और खुद अपने कई बोरे धान को आग के हवाले कर दिया था. इससे जिले के प्रखंड स्तरीय अधिकारियों से लेकर जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारियों में खलबली मच गयी थी.

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