बेटी को छोड़ बेटा लेकर फरार हुआ आरोपित,

गया जिले के करमाइन गांव की रहनेवाली हैं रिंकी देवी औरंगाबाद कार्यालय : मदनपुर प्रखंड के शिवनाथपुर गांव में एक महिला को उसके पति ने जला दिया. महिला गंभीर रूप से घायल है व उसका इलाज सदर अस्पताल में चला रहा है. वह दो बच्चों की मां भी है. पता चला है कि आरोपित दो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2018 6:55 AM

गया जिले के करमाइन गांव की रहनेवाली हैं रिंकी देवी

औरंगाबाद कार्यालय : मदनपुर प्रखंड के शिवनाथपुर गांव में एक महिला को उसके पति ने जला दिया. महिला गंभीर रूप से घायल है व उसका इलाज सदर अस्पताल में चला रहा है. वह दो बच्चों की मां भी है. पता चला है कि आरोपित दो बच्चों में बेटे को लेकर फरार हो गया है और बेटी को वहीं छोड़ दिया. अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला की हालत गंभीर बतायी है. उपाधीक्षक डॉ राजकुमार प्रसाद ने कहा कि डॉक्टरों के निगरानी में महिला का इलाज चल रहा है. घटना रविवार की सुबह की है. अस्पताल में भर्ती रिंकी ने मीडिया को बताया कि उसका पति संतोष ठाकुर, सास मीना देवी व देवर उदय ठाकुर बात-बात पर मारपीट व प्रताड़ित करते थे.
पिछले कई दिनों से घर में कलह का माहौल था. हर रोज उसे प्रताड़ना झेलनी पड़ती थी. दहेज व दूसरी शादी के लिए रविवार की सुबह पति ने मारपीट कर पूरे शरीर पर केरोसिन डाल दिया और फिर माचिस से आग लगा दी. किसी तरह गांव के ही कुछ लोगों ने जलती हालत में बचाया और फिर मायकेवालों को सूचना देकर अस्पताल भेजवाया. रिंकी ने बताया कि दहेज के लिए उसका पति उसे छोड़ दूसरी शादी कर लेना चाहता है. इसीलिए उसे बार-बार प्रताड़ित किया जाता था. इधर रिंकी के पिता व गया जिले के आमस थाना क्षेत्र के करमाइन गांव निवासी बैलून ठाकुर ने बताया कि शादी के बाद से ही दहेज के लिए ससुराल वाले उसे प्रताड़ित कर रहे थे.
कई दफे घर में पंचायती का भी दौर चला. बेटी बार-बार कहती थी कि ससुराल वाले उसकी हत्या कर देंगे,फिर भी समाज के लिहाज से ससुरालवालों से बार-बार हालत सुधरने को लेकर आग्रह किया करता था, लेकिन उसका पति अपने क्रूरता की हद को पार कर चुका था. उसके मन में जो था वही किया. बैलून ने पुलिस अधीक्षक से गुहार लगाते हुए ससुराल वालों पर कार्रवाई की मांग की है. इधर नगर थाना की पुलिस ने महिला का फर्द बयान लिया है.
कब तक सहेंगी अत्याचार, उठाएं आवाज
अक्सर महिलाएं अपने साथ होनेवाली हिंसा को अपने तक दबाएं रखती हैं. इससे अत्याचार करनेवाले का मनोबल बढ़ते जाता है और इसका बुरा परिणाम अक्सर देखने को मिलता है. महिलाओं के साथ प्रताड़ना का मुख्य कारण दहेज होता है. भले ही सरकार ने इस कुरीति से निबटने के लिए कायदे-कानून बनाये हैं, पर इसके खात्मे की शुरुआत घर से ही होगी. ऐसे में महिलाओं को आवाज उठाना होगा, ताकि ऐसे लोगों को सजा मिल सके. जिले में अक्सर ऐसी घटनाएं होती हैं, पर कुछ ही सामने आती हैं. ऐसी घटनाओं पर चुप रहने की जरूरत नहीं है. पुलिस ने महिलाओं के लिए अलग से थाना बनाया है, जहां जाकर महिलाएं अपने साथ हुई ज्यादती को बता सकती हैं और आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज करा सकती हैं. ऐसे में कदम से ऐसा कुकृत्य करनेवाले कई लोगों को सबक मिलेगा व उनमें डर पैदा होगा.
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