22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सावधान : उमस और तापमान कर सकता है आपको बीमार

औरंगाबाद सदर : इन दिनों लोगों को बुखार, सर्दी या फ्लू ने जकड़ रखा है. गर्मी में बेचैन लोगों को न तो घर में आराम है और न ही घर से बाहर. मौसम ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. हवा की रफ्तार धीमी होती जा रही है और उमस समय के साथ बढ़-घट […]

औरंगाबाद सदर : इन दिनों लोगों को बुखार, सर्दी या फ्लू ने जकड़ रखा है. गर्मी में बेचैन लोगों को न तो घर में आराम है और न ही घर से बाहर. मौसम ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. हवा की रफ्तार धीमी होती जा रही है और उमस समय के साथ बढ़-घट रही है, जो सेहत के लिए काफी घातक साबित हो रही है.

जुलाई में बारिश की जगह उमस

जुलाई महीने में इस तरह की गर्मी पहले कभी नहीं पड़ी थी. जुलाई तो बरसात का महीना होता है. आंकड़ों को देखे तो पिछले पांच वर्षों में इस तरह की गर्मी कभी नहीं पड़ी थी. मौसम विभाग की माने तो यह स्थिति अभी बनी रहेगी, क्योंकि मॉनसून का कोई आसार नहीं दिख रहा है.

सामंजस्य बिगड़ने से परेशानी : डॉक्टर कहते हैं कि तापमान, हवा व नमी का सामंजस्य जब बिगड़ता है, तब जाकर उमस बढ़ जाती है. बरसात के प्रमुख महीने जैसे जून, जुलाई और अगस्त में यह स्थिति ज्यादा उत्पन्न होती है. फिलहाल इसी तरह तापमान नमी और हवा असंतुलित है, जिससे उमस बढ़ी हुई है. बीमारी का सबसे बड़ा कारण शरीर में तेजी से पानी की कमी होना है. लोगों को ऐसे में सचेत रहने की आवश्यकता है.

हवा के तालमेल में अंतर : मौसम विभाग का मानना है कि नमी के साथ-साथ हवा का कंबिनेशन भी जरूरी है, लेकिन 10 साल बाद जुलाई में यह समय आया है, जब नमी व तापमान के साथ हवा के तालमेल में काफी ज्यादा अंतर है.

इसी कारण लोग बीमार पड़ रहे है और उन्हें परेशानी हो रही है. डॉक्टर कहते हैं कि ऐसे मौसम में सावधान रहने की आवश्यकता है. नहीं तो बीमारी बेहद भारी पड़ सकती है. हृदय रोग से लेकर त्वचा रोग तक लोग परेशान है और समय पर इलाज न होने से रोग घातक साबित हो सकते हैं. डॉक्टर कहते है कि धूप और ठंडक का ध्यान रखना होगा, जिससे शरीर का तापमान न बिगड़ पाये.

क्या है तापमान लेखा-जोखा

सुबह छह बजे 29 डिग्री सेल्सियस

आठ बजे 31 डिग्री सेल्सियस

10 बजे 33 डिग्री सेल्सियस

12 बजे 34 डिग्री सेल्सियस

एक बजे 36 डिग्री सेल्सियस

दो बजे 34 डिग्री सेल्सियस

क्या हो सकता है खतरा

50 प्रतिशत- त्वचा रोग, शरीर पर घाव

40 प्रतिशत- बुखार से पीड़ित

30 प्रतिशत- गला रोग, टॉन्सिल ,

10 प्रतिशत- हृदय रोग

क्या कहते हैं चिकित्सक

तापमान में बदलाव के कारण मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. कोई ऐसा घर नहीं है, जहां परिवार के सदस्य बीमार न पड़ रहे हो. ऐसे मौसम में बचाव की आवश्यकता है.

राजकुमार प्रसाद,उपाधीक्षक सदर अस्पताल औरंगाबाद

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें