जिले में बारिश : राहत की फुहार से खुशियां, तो गम भी

औरंगाबाद (ग्रामीण) : रोहिणी नक्षत्र समाप्ति होने को है. मंगलवार को जिले में हुई बारिश किसानों के लिए सोना का काम करती है. एक सप्ताह से औरंगाबाद के अगल-बगल वाले जिले में बारिश होने की सूचना किसानों को मिल रही थी. इससे जिले के किसान चिंतित थे. कारण था कि खेत में धान का बिचड़े […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:45 PM

औरंगाबाद (ग्रामीण) : रोहिणी नक्षत्र समाप्ति होने को है. मंगलवार को जिले में हुई बारिश किसानों के लिए सोना का काम करती है. एक सप्ताह से औरंगाबाद के अगल-बगल वाले जिले में बारिश होने की सूचना किसानों को मिल रही थी.

इससे जिले के किसान चिंतित थे. कारण था कि खेत में धान का बिचड़े डालने का कार्य रोहिणी नक्षत्र से ही शुरू होता है. बारिश की बूंद औरंगाबाद जिले के किसानों को नसीब तक नहीं हुई थी.

मंगलवार को तेज हवा के साथ पड़ी बारिश की पहली फुहार ने किसानों के मुरझाये चेहरों पर खुशियों की रौनक बिखेर दी और एक उम्मीद भी जगा दी. बारिश से किसान फुले नहीं समाये. क्योंकि, इससे धान की खेती की उम्मीद जग गयी है. किसानों की खुशी के साथ बारिश की पहली बूंद ने जिले में जो तबाही लायी वह भी भुलाने लायक नहीं है.

बारिश के साथ जिले के रफीगंज, हसपुरा, दाउदनगर और मदनपुर प्रखंड में वज्रपात की घटना घटी. रफीगंज के राजा बिगहा मुहल्ला में सुभाष सोनी, शिल्पी कुमारी की मौत हो गयी. इसी प्रखंड के पराव बिगहा गांव में जनेश्वर रजक और सुधीर रजक की मौत हो गयी. मदनपुर थाना क्षेत्र के रामराज नगर गांव में घटी वज्रपात की घटना में ललन भुइंया की मौत हो गयी.

हसपुरा थाना क्षेत्र के महुआड़ गांव में वज्रपात की घटना में कुंती कुमारी की मौत तो दाउदनगर थाना क्षेत्र के गोरडीहा गांव में शशि प्रभा कुंवर की मौत हो गयी. सदर प्रखंड के भोला बिगहा गांव में वज्रपात के दौरान नवल रिकियासन की मौत हो गयी. यानी वज्रपात की घटना में कुल आठ लोगों की मौत हो गयी. वज्रपात की इन घटनाओं ने किसानों के खुशियों पर पानी फेर दिया.

उमस से मिली राहत

औरंगाबाद शहर में बारिश की पहली फुहार ने उमस भरी गरमी को समाप्त किया है. शहर वासियों को इससे खुशी मिली है. छोटे-छोटे बच्चे और युवा भी बारिश का मजा लेते देखे गये. बारिश में भींगने को किसे जी नहीं करता और जब बारिश की पहली फुहार हो तो मजा ही कुछ और होता है.

कुछ लोगों ने भींग कर इसका मजा लिया, तो कुछ लोग छाता लगा कर दूसरे को भींगते हुए देख आनंद लिया. बताते चले कि तेज धूप और उमस भरी गरमी ने लोगों को जीना मुहाल कर दिया था. हर कोई बारिश का इंतजार कर रहा था. खासकर किसानों के चेहरे पूरी तरह मुरझाये हुए थे.

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