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औरंगाबाद : कांग्रेस के गढ़ में इस बार होगा भाजपा और हम में दो-दो हाथ, जानें एनडीए मजबूत क्यों
औरंगाबाद में एनडीए व महागठबंधन में मुख्य मुकाबला पटना : कभी कांग्रेस का गढ़ रह चुके औरंगाबाद में इस बार सीधा मुकाबला एनडीए के भाजपा उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह और महागठबंधन के हम से उम्मीदवार उपेंद्र कुमार के बीच है. सुशील कुमार सिंह जहां पिछले दो बार से लगातार सांसद हैं, वहीं उपेंद्र कुमार लोकसभा […]
औरंगाबाद में एनडीए व महागठबंधन में मुख्य मुकाबला
पटना : कभी कांग्रेस का गढ़ रह चुके औरंगाबाद में इस बार सीधा मुकाबला एनडीए के भाजपा उम्मीदवार सुशील कुमार सिंह और महागठबंधन के हम से उम्मीदवार उपेंद्र कुमार के बीच है. सुशील कुमार सिंह जहां पिछले दो बार से लगातार सांसद हैं, वहीं उपेंद्र कुमार लोकसभा चुनाव के लिए नये चेहरे हैं. इन दोनों के अलावा इस बार स्वराज पार्टी से पूर्व विधायक सोमप्रकाश और बसपा से नरेश यादव नामांकन दाखिल करेंगे. सभी उम्मीदवारों का नामांकन सोमवार को होने की संभावना है.
पिछले चुनावों का हाल : सुशील कुमार सिंह इससे पहले वर्ष 2014 में भाजपा की टिकट पर चुनाव जीते थे, वहीं वर्ष 2009 में वे जदयू की टिकट पर चुनाव जीते थे. वर्ष 2014 में उन्हें कुल 3,07,941 वोट मिले थे जो कि कुल वोट का 39.16 फीसदी था. वहीं उनसे हारकर दूसरे नंबर पर कांग्रेस के निखिल कुमार रहे थे. उन्हें 2,41,594 वोट मिले थे जो कि कुल वोट का 30.72 फीसदी था. तीसरे नंबर पर जदयू के बागी कुमार वर्मा रहे थे. उन्हें 1,36,137 वोट मिला जोकि कुल वोट का 17.31 फीसदी था.
कांग्रेस का गढ़ रही है सीट
सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2009 के पहले से यह सीट कांग्रेस की गढ़ रही है. 2004 में निखिल कुमार यहां से बतौर सांसद चुनाव जीत चुके हैं. 1999 में निखिल कुमार की पत्नी श्यामा सिंह भी यहां की सांसद रही हैं.
एनडीए मजबूत क्यों
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 39.16% वोट मिला था, वहीं जदयू को 17.31% वोट मिला था. यदि इस आधार देखा जाये, तो भाजपा और जदयू का वोट इस बार संयुक्त रूप से एक साथ होने से अन्य दलों के मुकाबले एनडीए गठबंधन के इस उम्मीदवार की स्थित बहुत मजबूत दिखती है.
खास-खास
औरंगाबाद लोकसभा सीट के तहत छह विधानसभा सीटें आती है. कुटुंबा, औरंगाबाद, रफीगंज, गुुरूआ, इमामगंज और टिकारी विधानसभा की सीटें है.
अगड़ी जाति का वोट एनडीए को मिलने की संभावना
सूत्रों का कहना है कि औरंगाबाद संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में राजपूत मतदाता करीब 17.5%, भूमिहार 6.75%, यादव 10%, मुस्लिम 8.5% और कुशवाहा 8.5% हैं. इनमें से राजपूत, भूमिहार के साथ ब्राह्मण और कायस्थ का वोट एनडीए उम्मीदवार को मिलने की संभावना है. साथ ही स्वराज पार्टी और बसपा के उम्मीदवार यादव होने से यादवों का वोट बंटने की संभावना है.
औरंगाबाद में 17 लाख मतदाता
औरंगबाद संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या 17,37,821 है. यहां कुल 1923 मतदान केंद्र हैं. इनमें से 946 मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील हैं. 2014 में औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र के लिए करीब 51 फीसदी मतदान हुआ था. यहां कुल छह विधानसभा क्षेत्र हैं. इनमें कुटुंबा में 2,53,976, औरंगाबाद में 3,06,149, रफीगंज में 3,16,810, गुरुआ में 2,74,127, इमामगंज में 2,85,073 और टिकारी में 3,01,686 मतदाता हैं.
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