मदनपुर : गर्मी का मौसम अपने परवान पर है. तेज धूप एवं गर्म हवा की वजह से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. तन को झुलसा देने वाली गर्मी के कारण लोग अपने घरों से निकलने में कतरा रहे हैं. आवश्यक काम होने पर ही लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं. गर्मी का सबसे अधिक असर स्कूल जाने वाले बच्चों पर देखा जा रहा है.
स्कूल आने व जाने के वक्त उन्हें कड़ी धूप का सामना करना पड़ रहा है. भीषण गर्मी के कारण सड़कों पर भी वाहनों का आवागमन भी कम दिखा. सिरिस कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ नित्यानंद ने बताया कि अभी और पारा बढ़ने की आशंका है.
मानें चिकित्सक की सलाह: चिकित्सक डॉ बैजनाथ सिंह ने बताया कि गर्मी के मौसम में खाली पेट बाहर निकलने से लोगों को बचना चाहिए. पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए. इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अचानक धूप से आने पर ठंडा पानी का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है.
गर्मी का असर बाजार में सन्नाटा
देव. कड़ाके की धूप के साथ लू ने आम लोगों को परेशान कर रखा है. हर दिन आसमान से आग बरस रही है. गुरुवार को औरंगाबाद जिले का पारा 44 डिग्री के पार रहा. यूं कहे कि गर्मी व लू से शहरी बाजारों में भी सन्नाटे का दौर चल रहा है. 10 बजते-बजते लू का असर परवान पर पहुंच जाता है.
सबसे अधिक परेशानी कोचिंग के साथ कॉलेज जाने वाली छात्राओं व हर दिन व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों को हो रही है. पूरे दिन बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ दिख रहा है. यही कारण है कि दुकानदार भी नुकसान में चल रहे है.दूसरे तरफ बिजली की स्थिति भी बद से बदतर है.
गर्मी में बेहोशी की वजह बन रहा हीट स्ट्रोक
दक्षिण बिहार में पारा तेजी से चढ़ता जा रहा है. हीट स्ट्रोक की वजह से लोग बीमार होकर अस्पतालों में पहुंच रहे हैं. चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि हीट स्ट्रोक (लू लगने ) पर मरीज को तुरंत अस्पताल के इमरजेंसी में ले जाना चाहिए.
यह जानलेवा हो सकता है. कई लोग किसी भी तरह के डिहाइड्रेशन से जुड़े लक्षण को हीट स्ट्रोक कहते हैं. यह ठीक नहीं है. हीट स्ट्रोक के लक्षणों पर गौर किया जाये तो इससे बचा जा सकता है.
जानें लक्षण व बचाव
- हीट स्ट्रोक से पहले आते हैं ये लक्षण
- जरूरत से अधिक पसीना आना
- ब्लड प्रेशर में कमी होना
- मांशपेशियों में ऐंठन होना
डिहाइड्रेशन के साथ मिचली, चक्कर आना, कमजोरी व सुस्ती
हालांकि पीड़ित होशमें रहता है. लेकिन,बेहोश हो जाये तो समझिए उसे हीट स्ट्रोक हो सकता है.
हीट स्ट्रोक के दौरान क्या होता है ?
- त्वचा गर्म व शुष्क हो जाती है
- शरीर का तापमान 104 डिग्री (40 डिग्री सेल्सियस) या अधिक होना
- दिल की धड़कन व सांसें तेज हो जाना या कम हो जाना
- अचानक बेहोशी छा जाना
- रक्त वाहिकाओं का कसना
- यह शरीर के पहले से ही कम हो चुके ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का प्रयास करता है.
इस समय अधिक खतरा
हीट स्ट्रोक हर व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता के आधार पर आ सकता है लेकिन, फिर भी कुछ लोगों को इसकी आशंका अधिक होती है.
तेज धूप में अधिक समय तक काम करने वालों को खतरा अधिक
अधिकतर हीट स्ट्रोक उस समय होता है, जब कोई शख्स बिना तरल पदार्थ लिए बहुत गर्म व आर्द्र मौसम में देर तक काम करता है.
शिशुओं, छोटे बच्चों या बुजुर्गों (विशेषकर 65 वर्ष से अधिक आयु) के मामले में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत
मधुमेह, मानसिक बीमारी, ब्लड प्रेशर की दवा खाने वाले, बहुत अधिक शराब पीने वाले या मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति को खतरा अधिक
यह करें
संभव हो तो पीड़ित व्यक्ति को स्नान कराएं या ऐसा नहीं है, तो उसे गीली बेड शीट में लपेटें
पीड़ित सचेत हो तो उसे हाइड्रेटेड करना चाहिए व पानी पिलाना चाहिये
इस अवस्था में खून गाढ़ा हो जाता है, ऐसे में पानी या इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर तरल चीजें दें.
मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाने की जरूरत होती है
बचाव
शुगर का कम इस्तेमाल करें
धूप में निकलने से बचें
कैफीन व शराब से बचें
इस दौरान खूब पानी पीयें
हल्के रंग के ढीले-ढाले कपड़े पहनें
बाहर निकलते समय छाते, टोपी या कपड़े से खुद को ढंकें
यह कभी न करें
एनर्जी या शुगर वाले पेय पदार्थ न दें
यह भी जानें
पिछले एक दशक में देश में 61 फीसदी मामले बढ़े हैं हीट स्ट्रोक से मौत के
हीट स्ट्रोक जानलेवा हो सकता है. इससे पहले दिखने वाले लक्षणों पर गौर कर इससे बचा सकता है. हीट स्ट्रोक होने पर व्यक्ति को शुगर वाले पेय पदार्थ देने से बचें.