बारुण : कहते हैं बेटियां घर की रौनक होती हैं. लेकिन, हर घर व हर परिवार के लिए ऐसा हो, यह जरूरी नहीं. कभी-कभी बेटियों के कारण जीवन अंधकारमय हो जाता है. शायद यह बात बारुण के शेख बिगहा की रहनेवाली महिला सोनी शेख इसे अच्छी तरह समझ सकती हैं. क्योंकि, आज चार बेटियों को जन्म देने के बाद सोनी शेख की जिंदगी नफरत व प्रताड़ना से भर गयी है.
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महिला ने चार बेटियों को जन्म दिया, तो पति ने छोड़ा
बारुण : कहते हैं बेटियां घर की रौनक होती हैं. लेकिन, हर घर व हर परिवार के लिए ऐसा हो, यह जरूरी नहीं. कभी-कभी बेटियों के कारण जीवन अंधकारमय हो जाता है. शायद यह बात बारुण के शेख बिगहा की रहनेवाली महिला सोनी शेख इसे अच्छी तरह समझ सकती हैं. क्योंकि, आज चार बेटियों को […]
शादी के बाद सोनी ने चार बेटियों को जन्म दिया, जिसके बाद उसके पति ने उन्हें छोड़ दिया. आज सोनी शेख बिगहा स्थित अपने मायके में रहकर जीवन काट रही हैं और न्याय की गुहार लगाती फिर रही हैं. सोमवार को सोनी अपनी चारों बेटियों व मां के साथ बारुण थाना पहुंची और न्याय की मांग की. अपना दुख सुनाते हुए सोनी फफक पड़ी. थानाध्यक्ष वीरेंद्र कुमार पासवान ने बताया कि महिला सोनी शेख ने इससे संबंधित आवेदन दिया है.
उसके पति से संपर्क किया जा रहा है. पति को थाना बुलाया जायेगा और फिर दोनों पक्षों की बातें सुनी जायेगी. इसके बाद उचित कार्रवाई की जायेगी.
पति का बदलने लगा व्यवहार
सोनी ने बताया कि उसकी शादी 2012 में आमस थाना के हमजापुर निवासी मो वसीम से हुई थी. शुरुआत में दाम्पत्य जीवन बेहद खुशहाल था. जैसे ही पहली बेटी ने जन्म लिया कि उसके पति वसीम का व्यवहार में परिवर्तन आने लगा. पति बेटा चाहते थे. एक के बाद एक बेटियों के जन्म होने पर पति प्रताड़ित करने लगे. मेरी दुनिया ही बदल गयी.
नफरत का इंतेहा तब हो गया, जब ताना देते हुए उसके साथ मारपीट की जाने लगी. इस बीच सोनी एक बार फिर गर्भवती हुई. वसीम को बेटा चाहिए था. लेकिन, यह तो प्रकृति पर है. पिछले महीने उसकी चौथी बेटी ने जन्म लिया. उस वक्त वह मायके में ही थी. जब उसका पति देखने आया तो चौथी बेटी को देख आग बबूला हो गया. सोनी ने कहा कि उसके पति ने बेटियों को बेच देने की भी बात कही है.
बेटियों को बदल कर बेटा लाने को कहा
थाना परिसर में महिला सोनी ने बताया कि वर्तमान समय में बेटे-बेटियों को एक समान माना जा रहा है. लेकिन उसके पति बेटियों को बदल कर बेटा लाने को कहते हैं. यह कुदरत की देन है. इसमें मेरा क्या कसूर है. जब उसने मारपीट व प्रताड़ना का विरोध किया तो पति ने मुझे मायके ही छोड़ दिया और खुद चले गये. अब तो कानून का ही सहारा है. शिकायत सुनने के बाद थानाध्यक्ष ने उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.
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