सरकारी आंकड़ों में जिले में लू से 50 लोगों की गयी जान

औरंगाबाद नगर : ले में लू लगने से भले ही दर्जनों लोगों की मौत हुई हो और सैंकड़ों आक्रांत हुए हों. लेकिन, सरकारी आंकड़ाें के अनुसार 50 लोगों की मौत बतायी जा रही है और 325 मरीजों भर्ती होने की जानकारी दी गयी है. जिलाधिकारी के हवाले से जानकारी देते हुए सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी धर्मवीर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 22, 2019 8:52 AM

औरंगाबाद नगर : ले में लू लगने से भले ही दर्जनों लोगों की मौत हुई हो और सैंकड़ों आक्रांत हुए हों. लेकिन, सरकारी आंकड़ाें के अनुसार 50 लोगों की मौत बतायी जा रही है और 325 मरीजों भर्ती होने की जानकारी दी गयी है. जिलाधिकारी के हवाले से जानकारी देते हुए सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी धर्मवीर सिंह ने बताया कि 15 से लेकर 19 जून तक कुल 325 मरीज इलाज के लिए अस्पताल में पहुंचे.

इनमें पांच5 लोगों की मौत हो गयी. 171 मरीजों को इलाज के उपरांत अस्पताल से विमुक्त किया गया. 56 लोगों को स्थिति देखते हुए बड़े चिकित्सालयों में रेफर किया गया. जबकि, अस्पताल लाने से पहले नौ लोगों की मौत हुई है. वैसे सूत्रों के अनुसार, 80 से अधिक लोगों की मौत हुई है.
सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी ने कहा है कि 14 जून को अधिकतम 44 डिग्री व न्यूनतम 30 डिग्री, 15 जून को अधिकतक 46 डिग्री व न्यूनतम 31 डिग्री, 16 जून को अधिकतम 45 डिग्री व न्यूनतम 30 डिग्री, 17 जून को अधिकतम 42 डिग्री व न्यूनतम 32 डिग्री तापमान था. लू के कारण उत्पन्न हुई स्थानीय प्राकृतिक आपदा के क्रम में मानव क्षति की रोकथाम के लिए प्रशासनिक स्तर से कई उपाये किये गये हैं. प्रखंड विकास पदाधिकारियों द्वारा गांवों में माइकिंग करायी जा रही है. सभी प्रमुख स्थलों पर बैनर, पोस्टर व होर्डिंग लगाये गये हैं.
खुले जगहों पर किसी तरह की सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक आयोजन पर रोक लगा दी गयी है. एक लाख 58 हजार 300 ओआरएस का वितरण किया गया है. 49 जगहों पर टैंकर के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जा रही है. स्काउट एंड गाइड के माध्यम से चौक-चौराहों पर अब तक 10 हजार ओआरएस का वितरण किया गया है.
26 मृतक के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान की राशि दी जा चुकी है. शेष आश्रितों को चिन्हित कर भुगतान किया जा रहा है. 25 अतिरिक्त बेड की व्यवस्था करते हुए 23 अतिरिक्त चिकित्सकों को प्रतिनियुक्त किया गया है. 11 टीम का गठन किया गया है. 11 बजे से शाम चार बजे तक सरकारी योजनाएं समेत सभी श्रम साध्य कार्यों पर रोक लगा दी गयी है. अभी भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अलर्ट पर रहने को कहा गया है. ताकि किसी प्रकार की स्थिति उत्पन्न होने पर तत्काल निबटा जा सके.

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