औरंगाबाद : शिक्षक पिटाई का मुद्दा आज उठेगा विस में
औरंगाबाद : शिक्षा विभाग की स्थापना शाखा के डीपीओ मिथलेश कुमार सिंह द्वारा शिक्षक सुधीर कुमार सिंह पर किया गया जानलेवा हमला अब तूल पकड़ लिया है. औरंगाबाद के कांग्रेस विधायक आनंद शंकर सिंह ने शिक्षक पर हुए जानलेवा हमले की कड़ी निंदा की है. साथ ही उन्होंने कहा है कि शिक्षा विभाग का कार्यालय […]
औरंगाबाद : शिक्षा विभाग की स्थापना शाखा के डीपीओ मिथलेश कुमार सिंह द्वारा शिक्षक सुधीर कुमार सिंह पर किया गया जानलेवा हमला अब तूल पकड़ लिया है. औरंगाबाद के कांग्रेस विधायक आनंद शंकर सिंह ने शिक्षक पर हुए जानलेवा हमले की कड़ी निंदा की है. साथ ही उन्होंने कहा है कि शिक्षा विभाग का कार्यालय चरागाह बन गया है. दिनभर दलाल कार्यालय में बैठे रहते हैं और भ्रष्टाचार में लिप्त डीपीओ पैसा लेकर कार्य करते हैं.
जब इसका विरोध शिक्षक सुधीर कुमार सिंह ने किया, तो उसके ऊपर जानलेवा हमला किया गया, जिससे वे घायल हो गये. उनका इलाज ट्रामा सेंटर, वाराणसी में किया जा रहा है. विधायक ने जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक से मांग करते हुए कहा कि जल्द डीपीओ को गिरफ्तार करते हुए विभागीय कार्रवाई की जाये.
विधायक ने यह भी कहा कि सोमवार को डीपीओ द्वारा किये गये जानलेवा हमला का मामला विधानसभा में उठायेंगे और सरकार से उन्हें बर्खास्तगी की मांग करेंगे. इधर, पूर्व मंत्री रामाधार सिंह ने कहा है कि डीपीओ मिथलेश कुमार सिंह जदयू के एक बड़े नेता के रिश्तेदार हैं.
जब भी कोई शिक्षक वेतन के लिए उनके पास मिलने जाता है, तो शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है. बड़े नेता के रिश्तेदार होने के कारण डीपीओ मिथलेश बार-बार औरंगाबाद में अपना पदस्थापन करवा लेते हैं. पूर्व में भी औरंगाबाद में रह चुके हैं और इनके द्वारा अवैध नियुक्तियां मदनपुर में की गयी हैं.
इनके कार्यकाल में जो भी आदेश व नियुक्तियां हुई हैं, उसकी जांच कराते हुए जिलाधिकारी कार्रवाई करें. यही नहीं, डीपीओ को हटाने के लिए वे शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव से बात करेंगे.
बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ गोपगुट ने की घटना की निंदा
शिक्षक सुधीर कुमार सिंह के ऊपर हुए जानलेवा हमले के बाद बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ गोप गुट ने घटना पर निंदा की है. संघ के प्रवक्ता गोपेंद्र कुमार सिन्हा सहित अन्य शिक्षकों ने कहा है कि डीपीओ मिथलेश कुमार सिंह तानाशाह अधिकारी हैं.
जब भी कोई शिक्षक अपनी समस्या रखने के लिए उनके पास जाते हैं, तो उनके द्वारा अभद्र व्यवहार के साथ-साथ गाली-गलौज की जाती है. बिना पैसा लिए कोई कार्य नहीं करते हैं. संघ सरकार से इन्हें अविलंब हटाने की मांग करता है.
इधर, टीइटी-एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षक सुशील कुमार पांडेय, अमित सुमन, सत्येंद्र शर्मा, मनोज कुमार, विनोद कुमार, प्रिंस कुमार ने कहा कि डीपीओ के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत आठ जुलाई से होगी. शिक्षक आक्रोशित मार्च निकाल कर डीपीओ कार्यालय में तालाबंदी करेंगे. डीपीओ व कर्मचारी की जल्द गिरफ्तारी होनी चाहिए.