एक घंटा की बारिश से नगर पर्षद कैंपस डूबा

औरंगाबाद : एक सप्ताह बाद गुरुवार को हुई एक घंटे की बारिश से ही शहर पानी-पानी हो गया. शहर के हर इलाके में भारी जल जमाव हो गया. यहां तक कि नगर पर्षद परिसर में ही घुटने भर पानी जमा हो गया है. इस कारण नगर पर्षद के साथ-साथ आयकर विभाग व निबंधन कार्यालय जाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2019 8:47 AM

औरंगाबाद : एक सप्ताह बाद गुरुवार को हुई एक घंटे की बारिश से ही शहर पानी-पानी हो गया. शहर के हर इलाके में भारी जल जमाव हो गया. यहां तक कि नगर पर्षद परिसर में ही घुटने भर पानी जमा हो गया है. इस कारण नगर पर्षद के साथ-साथ आयकर विभाग व निबंधन कार्यालय जाने वाले लोगों को काफी परेशानी हुई.

इस पर स्थानीय लोगों ने कहा कि जब एक घंटे की बारिश से नगर पर्षद कैंपस ही पानी में डूब गया, तो पूरे शहर को जल जमाव से कैसे निजात मिलेगी. नगर पर्षद से इसकी उम्मीद करना ही बेकार है.
कुछ दिन पहले तीन-चार दिनों तक जिले में भारी बारिश हुई थी. इसके बाद करीब एक सप्ताह से अधिक दिनों से बारिश नहीं हो रही थी. इससे तापमान फिर बढ़ गया था. गुरुवार की दोपहर में आसमान में अचानक बादल घिरे व मूसलधार बारिश हुई. हालांकि, बारिश के बाद फिर से उसी तेवर के साथ भगवान सूर्य निकले व चिलचिलाती धूप के साथ-साथ गर्मी फिर से लोगों को सताने लगी.
बारिश होने से कचहरी रोड, बाल उद्यान से क्लब रोड जाने वाले रास्ते, नावाडीह रोड, टिकरी रोड, सत्येंद्र नगर, गंगटी सहित अन्य मुहल्लों में जल जमाव की स्थिति कायम हो गयी. वाहन चालकों के साथ-साथ पैदल चलने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. इधर, सदर अस्पताल के परिसर में भी पानी जमा हो गया. मरीजों व परिजनों को आने-जाने में काफी दिक्कत हुई.
बदलते मौसम से बढ़ रहीं बीमारियां, बढ़े मरीज
लगातार बदल रहे मौसम के कारण बीमारियां भी बढ़ रही है. इससे सदर अस्पताल समेत सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में गली मोहल्लों के झोला छाप डाॅक्टर व नीम-हकीमों की भी दुकानदारी चल पड़ी है.
कभी बारिश, तो कभी तेज धूप व गर्मी से मलेरिया व टायफायड के मरीज भी बढ़ रहे हैं. जबकि, अस्पतालों में मौसमी बीमारियों से ग्रसित रोगियों की तादाद ज्यादा जुट रही है. ऐसे मौसम के कारण सर्दी, खांसी, बुखार व दस्त आदि की चपेट में लोग आ रहे हैं.
चिकित्सकों का कहना कि बरसात में पानी दूषित हो जाता है व गंदगी भी फैल जाती है. इसलिए वायरल बीमारी का प्रकोप बढ़ जाता है. बरसात में लोगों को स्वच्छ पानी पीना चाहिए व खान-पान में भी सावधानी बरतनी चाहिए. घरों व कार्यालयों के आसपास जलजमाव न हो इसकी व्यवस्था करनी चाहिए.
सावधानी जरूरत, वरना डायरिया से हो सकते हैं ग्रसित
बारिश में डायरिया होने का खतरा ज्यादा होता है. डायरिया के कारण बच्चों और वयस्कों में अत्यधिक डिहाइड्रेशन होने से समस्याएं बढ़ जाती है व कभी-कभी यह जानलेवा साबित हो जाता है.
इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा हाथों की स्वच्छता पर जागरूकता फैलाई जा रही है, जिसमें राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अहम भूमिका निभा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार हाथों की नियमित सफाई से डायरिया के मरीजों की संख्या में एक तिहाई तक कमी लायी जा सकती है.
हाथों की सफाई में जागरूकता आने से डायरिया प्रबंधन में मदद मिलती है व बच्चों की सेहत में सुधार होता है. डायरिया की रोकथाम के साथ अन्य कई प्रकार की संक्रामक रोगों से भी बचाव होता है. बच्चों को प्रतिदिन भोजन के पहले व भोजन के उपरांत हाथ धुलवाने के लिए प्रेरित करना चाहिए.

Next Article

Exit mobile version