आइपीएस बहू अपर्णा को राष्ट्रपति ने नेशनल एडवेंचर अवार्ड से किया सम्मानित
औरंगाबाद : देश में एडवेंचर स्पोर्ट्स के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान माने जाने वाले तेनजिंग नार्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से औरंगाबाद की आईपीएस बहू अपर्णा कुमार सम्मानित होकर जिले को एक बार फिर गौरवान्वित किया है. राष्ट्रीय खेल दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित किया है. यह सम्मान पाने के […]
औरंगाबाद : देश में एडवेंचर स्पोर्ट्स के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान माने जाने वाले तेनजिंग नार्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से औरंगाबाद की आईपीएस बहू अपर्णा कुमार सम्मानित होकर जिले को एक बार फिर गौरवान्वित किया है. राष्ट्रीय खेल दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित किया है.
यह सम्मान पाने के बाद उनके परिवार के साथ-साथ जिले के लोग खासा उत्साहित हैं. अपर्णा यह सम्मान पाने वाली पहली आईपीएस अधिकारी हैं. वर्ष 2002 यूपी कैडर की आईपीएस अपर्णा वर्तमान में देहरादून सेक्टर में डीआइजी पद पर कार्यरत हैं. इनके पति संजय कुमार भी आइएएस अधिकारी हैं जो सहारनपुर के कमिश्नर हैं.
अपर्णा ने अब तक कई कृतिमान को अपने नाम किया है. जून महीने में सातों महाद्वीप की सर्वोच्च चोटियों को फतह करने वाली पहली आइपीएस अधिकारी बनी थीं. जनवरी में दक्षिणी ध्रुव पहुंचने वाली देश की पहली आईपीएस अधिकारी होने का गौरव प्राप्त किया था. इसके अलावा भी उन्होंने कई उंची चोटियों को फतह किया है.
इस सफलता पर अपर्णा की गोतिनी शर्मिला देवी, इनके पति कपिल कुमार, सुरेन्द्र पांडेय, नीलमणी कुमार, रंजू कुमारी, निश्चया कुमारी, नेहम वत्स, अमिताभ उर्फ मुन्ना सिंह, मुहल्लेवासी राजीव कुमार, नरेंद्र झा, रामाशीष शर्मा, विनोद सिंह, मुन्ना सिन्हा समेत अन्य परिजनों ने हर्ष जताया है. इन्होंने कहा कि यह सम्मान पाकर परिवार के साथ-साथ जिले व राज्य की प्रतिष्ठा बढ़ी है. साथ ही अपर्णा की इस उपलब्धियों से महिलाओं के सम्मान को नयी उंचाईयां मिली है और उनके लिए प्रेरणास्त्रोत है.
प्रतियोगिता में ध्यानचंद की रंगोली बनाकर दी श्रद्धांजलि
औरंगाबाद शहर. शहर के सेंट जेवियर्स हाई स्कूल में राष्ट्रीय खेल दिवस पर समारोह का आयोजन हुआ. बच्चों के बीच रंगोली प्रतियागिता करायी गयी, जिसमें बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. स्कूल के प्रिंसिपल सीएस सिंह व वाइस प्रिंसिपल ने बच्चों को खेल दिवस के बारे में बताया.
बच्चों को बताया कि हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का जन्मदिन राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है. छात्र-छात्राओं ने मेजर ध्यानचंद की रंगोली बनाकर उन्हें श्रद्धाजंलि दी. इस मौके पर शुभम एवं ग्रुप समेत अन्य शिक्षक व छात्र-छात्रा मौजूद थे.
राष्ट्रीय खेल दिवस पर हुई परिचर्चा
दाउदनगर. राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर प्राथमिक विद्यालय गुल्ली बिगहा और मध्य विद्यालय अंगराही के छात्र-छात्राओं के बीच हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की जीवनी पर आधारित परिचर्चा का आयोजन किया गया. परिचर्चा में प्राथमिक विद्यालय गुल्ली बिगहा के प्रधानाध्यापक गोपेंद्र कुमार सिन्हा गौतम ने मेजर ध्यानचंद के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा कि मेजर ध्यानचंद ने खेल के क्षेत्र में भारत का नाम दुनिया के कोने कोने तक पहुंचाया. हॉकी के कई अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में जीत कर भारत के सम्मान को बढ़ाया.वे कोई साधारण खिलाड़ी नहीं थे. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय खेल मैदानों में अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल की.
उनकी गिनती विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में होती है. उनकी उपलब्धियां भारतीय खेल जगत को गौरवान्वित करता रहेगा. वे अपनी खेल भावना के लिए जाने जाते थे. उन्होंने जो उपलब्धि हासिल की, उसके पीछे उनका हॉकी के प्रति समर्पण कड़ी मेहनत व सतत अभ्यास था. उन्होंने मेजर ध्यान ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग की. इस मौके पर विद्यालय के शिक्षक भी मौजूद रहे.