नहाने गया किशोर पुनपुन में डूबा, 12 घंटे बाद शव बरामद

औरंगाबाद/हसपुरा : हसपुरा प्रखंड के मलहारा गांव के 12 वर्षीय किशोर चंद्रप्रकाश मिश्र की मौत पुनपुन नदी में डूबने से हो गयी. घटना बुधवार की शाम की है. डूबने के 12 घंटे बाद यानी गुरुवार की सुबह हमीदनगर के समीप से किशोर का शव नदी से बरामद किया गया. जानकारी के अनुसार, चंद्रप्रकाश बुधवार की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 6, 2019 8:38 AM

औरंगाबाद/हसपुरा : हसपुरा प्रखंड के मलहारा गांव के 12 वर्षीय किशोर चंद्रप्रकाश मिश्र की मौत पुनपुन नदी में डूबने से हो गयी. घटना बुधवार की शाम की है. डूबने के 12 घंटे बाद यानी गुरुवार की सुबह हमीदनगर के समीप से किशोर का शव नदी से बरामद किया गया. जानकारी के अनुसार, चंद्रप्रकाश बुधवार की शाम अपने साथियों के साथ मलहारा गांव से पूरब पुनपुन नदी में नहाने गया था.

नहाने के दौरान वह तेज धार में फंसकर बहने लगा. साथ नहा रहे सभी साथी किसी तरह नदी से निकल गये और उसे धार में बहते हुए देखा परिजनों व गांव वालों को सूचना दी. जब तक लोग पहुंचते वह पानी में दिखाई नहीं दे रहा था. धीरे-धीरे यह खबर आसपास के गांव में भी फैल गयी.
आसपास के ग्रामीण व तैराक भी नदी में खोजने में जुट गये. लेकिन, उसका कहीं पता नहीं चला. दूसरे दिन गुरुवार को हमीदनगर घाट के समीप कुछ ग्रामीणों ने शव को पानी में उतराते देखा. इसके बाद मलहारा गांव के लोगों को सूचना दी. मृतक के परिजन वहां पहुंचे और शव की शिनाख्त चंद्रप्रकाश के रूप में की.
नदी में शव होने की सूचना पर उपहारा थाने की पुलिस भी पहुंच गयी और शव को कब्जे में कर कागजी कारवाई करते हुए पोस्टमाटम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया. इधर, औरंगाबाद में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया गया.
नाती का शव देख बिलख पड़े नाना, कहा-कौन मिटायेगा कलंक : मलहारा गांव में चंद्रप्रकाश की मौत के बाद मातम का माहौल कायम हो गया.
पता चला कि मृतक पटना जिले के दुल्हिन बाजार थाना क्षेत्र के लाला भदसारा गांव का रहने वाला था और वह पिछले सात-आठ साल से अपने ननिहाल मलहारा में रह कर पढ़ाई कर रहा था. नाना सूर्यवंशी पाठक पर उसकी जवाबदेही थी. यानी लालन-पालन वही कर रहे थे. इधर, जब शव घर पहुंचा तो नाना ने बिलखते हुए कहा कि नाती के मौत का कलंक कौन मिटायेगा.
मां सुनैना देवी की हालत बदतर थी. उसकी चीत्कार गांव को भेद रही थी. बड़े अरमान के साथ उसे अपने नाना के घर पढ़ाई करने के लिए भेजी थी. परिजनों के चीत्कार से गांव का हर व्यक्ति मर्माहत था. मुखिया चंद्रशेखर सिंह, पूर्व मुखिया राजेंद्र सिंह, भाजपा नेता विजय अकेला, अरविंद प्रसाद, कृष्ण गोपाल, अमरेश पांडेय, रमेश पांडेय ने घटना को दुखद बताया.

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