औरंगाबाद : खनन के दौरान ब्लास्टिंग, ग्रामीणों ने 24 से अधिक वाहन फूंके, कर्मियों को दौड़ाकर पीटा
गांव में गिरे पत्थर से फूटा गुस्सा रफीगंज (औरंगाबाद) : पचार पहाड़ में खनन के दौरान हुई ब्लास्टिंग से पत्थर उड़ कर पचार गांव में गिर गया. गांव स्थित अलाउद्दीन के मकान व मध्य विद्यालय के भवन पर पत्थर गिरा. इससे लोग आक्रोशित हो गये और खनन क्षेत्र में जम कर तांडव मचाया. खनन क्षेत्र […]
गांव में गिरे पत्थर से फूटा गुस्सा
रफीगंज (औरंगाबाद) : पचार पहाड़ में खनन के दौरान हुई ब्लास्टिंग से पत्थर उड़ कर पचार गांव में गिर गया. गांव स्थित अलाउद्दीन के मकान व मध्य विद्यालय के भवन पर पत्थर गिरा. इससे लोग आक्रोशित हो गये और खनन क्षेत्र में जम कर तांडव मचाया.
खनन क्षेत्र में खड़े चारपहिया से लेकर हाइवा व पोकलेन समेत दो दर्जन से अधिक वाहनों को फूंक दिया. खनन क्षेत्र में काम में लगे लगभग डेढ़ दर्जन कर्मियों की पिटाई की. ग्रामीणों ने कर्मियों को खनन क्षेत्र में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा. कार्यालय में रखे कंप्यूटर सिस्टम को भी क्षतिग्रस्त कर दिया और कार्यालय में तोड़फोड़ की. लगभग तीन लाख रुपये लूट लिये. इसके बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम कर आगजनी करते हुए खनन के विरोध में जमकर नारेबाजी की. अलाउद्दीन के घर की महिलाओं ने बताया कि हमलोग अपने आंगन में घर का काम कर रहे थे. इसी बीच दो-तीन पत्थर आंगन में अचानक आकर गिर गया. उधर, स्कूल के भवन पर भी पत्थर आकर गिर गये.
ग्रामीणों ने कहा कि यह गनीमत रही कि जान का नुकसान नहीं हुआ. ग्रामीणों द्वारा तांडव मचाये जाने के बाद पूरा खनन इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया था. घटना की सूचना मिलते ही रफीगंज सीओ अवधेश कुमार सिंह, थानाध्यक्ष राजीव रंजन दल -बल के साथ तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे और आक्रोशित ग्रामीणों को समझाया-बुझाया तब जाकर ग्रामीण शांत हुए और अपने-अपने घर चले गये.
बोले खनन निदेशक, 15 से अधिक कर्मी घायल
खनन क्षेत्र के निदेशक कौशल सिंह ने बताया कि पचार के कुछ ग्रामीण पूर्व से ही अनावश्यक रूप से दबाव बनाने के लिए छोटी-मोटी घटना कर चुके हैं. बाद में सामाजिक कारणों से बीच बचाव हुआ, लेकिन वह घटना का रिहर्सल था. एक भी पत्थर गांव में नहीं गया है, बल्कि गलत मंशा से लोगों को उकसा कर घटना काे अंजाम दिया गया है. निदेशक ने बताया कि खनन कार्य में लगे 15 से अधिक कर्मी घायल हुए हैं. उन्होंने बताया कि इस घटना से उन्हें लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. ज्ञात हो कि, पचार पहाड़ पर उत्खनन को लेकर पूर्व से ही कंपनी और स्थानीय ग्रामीणों के बीच मतभेद है. कई दफे ग्रामीणों ने आक्रोश का इजहार भी किया है.