जरा संभल कर, जा सकती है जान!
कुटुंबा (औरंगाबाद)जरा संभल कर, थोड़ी सी लापरवाही पर जान भी जा सकती है. ये बातें ओरडीह पहाड़ के समीप से गोल गरीवा पथ पर जाने वाले यात्रियों को वहां मौजूद लोग बता रहे हैं. हर जाने वाले यात्री को लोग बताते देखे गये. हालांकि रास्ते में खायी के पहले ग्रामीणों ने बैरियर लगा कर लाल […]
कुटुंबा (औरंगाबाद)जरा संभल कर, थोड़ी सी लापरवाही पर जान भी जा सकती है. ये बातें ओरडीह पहाड़ के समीप से गोल गरीवा पथ पर जाने वाले यात्रियों को वहां मौजूद लोग बता रहे हैं. हर जाने वाले यात्री को लोग बताते देखे गये. हालांकि रास्ते में खायी के पहले ग्रामीणों ने बैरियर लगा कर लाल झंडा बांध दिया है ताकि लोग सचेत हो जाये. स्कूली बच्चों को भी शिक्षकों व अभिभावकों ने इस रास्ते से न जाने की हिदायत दी है. ध्वस्त होने के बाद मात्र तीन-चार फुट रास्ता बचा है, लेकिन उसमें भी बड़ी-बड़ी दरारें खुल गयी है. किसी भी क्षण वह खायी में गिर सकती है.पहले भी गयी है कई की जानइस सड़क से आने-जाने वालों के लिए दुर्घटना की आशंका कोई नयी बात नहीं है. पहले भी इस जगह पर मोरम धसने व छायी गिरने से कई लोगों घायल हुए हैं और कई लोगों की जान भी गयी है. वर्षों पूर्व ओरडीह गांव के तीन बच्चे पहाड़ से लाल मिट्टी ले जाने के लिये आये थे,तभी मोरम धंस गया और तीनों बच्चे वहीं दब कर मर गये थे. हाल ही में हाइवा ट्रक खायी में गिर गयी थी, उसमें चालक की मौत हो गयी थी.