औरंगाबाद शहर : जिले में स्पेशल श्रमिक ट्रेनों से प्रवासियों के आने का सिलसिला जारी है. बुधवार की रात से गुरुवार शात तक दूसरे शहरों से प्रवासियों को लेकर तीन श्रमिक ट्रेनें पहुंची. इन तीनों ट्रेनों से कुल 2150 प्रवासी आये हैं. स्टेशन पर ही इनकी स्क्रीनिंग की गयी और फिर अपने-अपने प्रखंडों में इन्हें भेज दिया गया, जो 21 दिनों तक क्वारेंटिन कैंप में रहेंगे. जिला वाहन कोषांग के नोडल पदाधिकारी सह डीटीओ अनिल कुमार सिन्हा ने बताया कि तीन अलग-अलग ट्रेनों से 2150 प्रवासी मजदूर आये हैं.
लॉकडाउन में लगभग डेढ़ महीने बाद कोई यात्री ट्रेन अनुग्रह नारायण रेलवे स्टेशन पर बुधवार की रात रूकी थी, जो प्रवासियों को लेकर आयी थी. वह ट्रेन सूरत से आयी थी, जिसपर जिले के 1137 प्रवासी सवार थे. ये सभी स्टेशन पर उतरे. यहां सुरक्षित तरीके से जांच के बाद वाहन के माध्यम से प्रखंडों में पहुंचाया गया. इसके बाद गुरुवार की शाम जालंधर से लगभग 123 प्रवासी मजदूरों को लेकर श्रमिक ट्रेन आयी. वहीं तीसरी ट्रेन सूरत से ही आयी, लेकिन यह अनुग्रह नारायण रोड रेलवे स्टेशन नहीं रूकी. इसका स्टॉपेज गया जंक्शन पर था. लगभग 900 प्रवासी मजदूर इस ट्रेन से आये. बता दें कि ट्रेन के आने से काफी पहले से ही जिला स्तरीय पदाधिकारी स्टेशन पर पहुंच गये थे, जिन्होंने सारी तैयारियां की.
प्रवासियों को लाने के लिए की गयी वाहनों की पर्याप्त व्यवस्थातीन अलग-अलग ट्रेनों से आये प्रवासियों को स्टेशन से लाने के लिए पर्याप्त संख्या में वाहनों की व्यवस्था की गयी थी. जिला वाहन कोषांग द्वारा वाहनों की व्यवस्था की गयी थी. वहीं स्टेशन पर अलग-अलग प्रखंडों के प्रतिनियुक्त कर्मी भी मौजूद थे. जिस प्रखंड के प्रवासी होते, उन्हें उसी वाहन के माध्यम से अपना प्रखंड भेजा गया. जहां क्वारेंटिन कैंप में रखा जायेगा. क्वारेंटिन कैंप में इन्हें जरूरी सामान भी उपलब्ध कराये गये. अब तक प्राप्त सूचना के अनुसार, दूसरे राज्यों से कुल 9783 व्यक्ति औरंगाबाद जिले में आए हैं. इसी प्रकार अन्य राज्यों से लगभग 1500 प्रवासी श्रमिक जिले में आए हैं. हसपुरा के मरीज के संपर्क में आये 16 लोगों का सैंपल जांच को गयाहसपुरा प्रखंड में बुधवार की देर रात कोरोना का एक पॉजिटिव मरीज मिला. यह मरीज पथरौल इलाके का रहने वाला है. इसकी ट्रैवल हिस्ट्री दिल्ली की है.
पता चला कि वह दिल्ली के एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था. चार दिन पूर्व वह बाइक से दिल्ली से वापस लौटा था. यह भी पता चला है कि वह बाइक से एक अन्य परिजन को भी साथ लेकर आया था. हालांकि वह वापस लौटने के बाद सीधा रामदेव प्रसाद सैनिक महिला कॉलेज में बने क्वारेंटिन कैंप में रह रहा था. स्क्रीनिंग में कोरोना का लक्षण पाया गया तो एहतियात के तौर पर उसका सैंपल लेकर 12 मई को जांच के लिए भेजा गया था. 13 मई को उसकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी. जैसे ही इसकी जानकारी हसपुरा इलाके के लोगों को हुई, दहशत कायम हो गया. डीपीएम कुमार मनोज ने बताया कि संक्रमित युवक जिस कमरे में था, उसमें 16 प्रवासी मजदूर ठहरे हुए हैं. सभी का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है.
मरीज का गांव नहीं होगा सीलहसपुरा का पॉजिटिव मरीज जिस गांव का रहने वाला है, वह सील नहीं होगा. वहीं उसके गांव के इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए तीन किलोमीटर के दायरे में सील भी नहीं किया जायेगा. ऐसा इसलिए कि वह दिल्ली में रहता था. जब वापस लौटा तो वह घर नहीं गया था और लगातार क्वारेंटिन कैंप में ही रह रहा था. इसलिए घर के परिजन या अन्य ग्रामीण उसके संपर्क में नहीं आये थे. वहीं घर नहीं जाने के कारण संकमण फैलने की संभावना भी नहीं है. इसी को देखते हुए सिर्फ क्वारेंटिन कैंप में ही सुरक्षा के तमाम उपाय किये जायेंगे. उसका गांव सील नहीं होगा. ठीक हुए तीन और मरीज, चार अब भी पॉजिटिव केसजिले में अब तक कोरोना के 18 पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं. राहतभरा यह है कि पूर्व में मिले पॉजिटिव मरीजों में से 14 लोग ठीक हो गये हैं. गुरुवार को तीन और मरीजों की अंतिम रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया. इसमें शहर के विराटपुर का मरीज भी शामिल है. डीएम के हवाले से डीपीआरओ धर्मवीर प्रसाद सिंह ने बताया कि 14 मरीज ठीक हो गये हैं, जबकि चार अब भी पॉजिटिव केस है. इसमें से तीन मरीज मुंबई तथा एक मरीज दिल्ली से लौटा है.