अस्पताल आते रहे लोग, टूटती रही सांसे
सदर अस्पताल में पूरे दिन चीत्कार गूंजती रही.
औरंगाबाद कार्यालय. गुरुवार का दिन जिले के लिए भयावह रहा. सदर अस्पताल में पूरे दिन चीत्कार गूंजती रही. लोग अस्पताल आते रहे और उनकी सांसें टूटती रही. एक दिन में 19 से अधिक लोगों की मौत हुई. तमाम मृतकों के परिजनों ने लू लगने की बातें बतायी. तेज बुखार, उल्टी और दस्त की शिकायत पर सभी को सदर अस्पताल लाया गया था. हालांकि, कई लोगों ने अस्पताल पहुंचने के पहले ही दम तोड़ दिया. मृतकों में सदर प्रखंड के हारीबारी निवासी कामता सिंह (85), रजवाड़ी निवासी जंगु यादव (60), करमा रोड निवासी शिव साव, बांके बाजार निवासी शमशाद आलम, खान गांव निवासी कौलेश्वर मेहता (95), औरंगाबाद शहर निवासी रमेश यादव (50), रामस्वरूप सिंह, जनार्दन पासवान, दुखी बिगहा निवासी नगीना देवी, सिमरी धमनी निवासी महावीर मिस्त्री, मिठईया निवासी विजय यादव, नारायणखाप गांव निवासी रामरक्ष्या राम और रफीगंज अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मी मो कल्लू शामिल है. डॉक्टरों ने अधिकांश मौत का कारण लू को बताया है. हालांकि सरकारी स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है. बड़ी बात यह है कि सदर अस्पताल में तीन से चार बॉडी ऐसे रखे हुए थे, जिसकी पहचान ही नहीं हो सकी है. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ आशुतोष कुमार ने बताया कि 10 लोगों की मौत हुई है. लू लगने की शिकायत पर उन्हें भर्ती कराया गया था. कुछ शवों के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की जा रही है. अधिकतर शवों को उनके परिजन ले गये. उधर, रफीगंज सीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि हीट वेव के कारण यहां दो लोगों जान गयी है. गौरतलब है कि भीषण गर्मी और लू औरंगाबाद के लोगों के लिए जानलेवा साबित होने लगा है. 44 से 49 डिग्री के बीच का तापमान कहर ढा रहा है. इस बार रिकार्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है. 29 मई को औरंगाबाद का पारा 48.2 दर्ज किया गया था. हर दिन किसी न किसी की जान भी जा रही है. सूरज भगवान उठा लेलन… मदनपुर प्रखंड के मिठईया गांव निवासी विजय यादव की मौत लू लगने से हो गयी. जानकारी मिली कि विजय झोंपड़ी छाने के लिए बांस का बयाना देने बेरी गांव गया था. वापस लौटने के दौरान समदा आहर के समीप गिर कर बेहोश हो गया. कुछ लोगों की नजर जब पड़ी तो परिजनों को सूचना दी. आनन-फानन में उसे अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. पति की मौत के बाद पत्नी पार्वती देवी का रो-रोकर बुरा हाल था. बस एक ही रट लगा रही थी कि सूरज भगवान उठा लेलन. अब के देखतई हो भइया. कंधे पर लादकर खोजता रहा बेड बेतहासा गर्मी व लू से पूरे जिले में हाहाकार मची है. सरकारी अस्पतालों में मेला सा दृश्य है. प्रखंडों के अस्पतालों से लेकर जिला अस्पताल तक अफरा-तफरी की स्थिति है. सदर अस्पताल की स्थिति तो और भयावह है. जितने मरीज इलाज कराने पहुंच रहे है उससे स्थिति बेहद खराब हो गयी है. गुरुवार को बहुत से मरीजों को बेड नहीं मिला. बीमार परिजन को कंधे पर लादकर लोग ढोते रहे. इस दृश्य को देखकर हर किसी का कलेजा कांप रहा था. यूं कहे कि अस्पताल में बेड की भारी कमी नजर आयी. लू व गर्मी से ग्रसित दर्जनों मरीजों का इलाज हुआ और कई भर्ती है. दरभंगा के जयराम सिंह, चमरडीहा के मरछी देवी, अंबावार के कपिल रिकियासन, गुरगईया करमा के लल्लू पासवान, कैथी के चंपा देवी, टिकरी मुहल्ला के युगल पासवान, फेसरा के रीता देवी, रतवार के रामप्रवेश चौधरी आदि का इलाज चल रहा है.
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