भगवान के घर देर है अंधेर नहीं
पुलिस हिरासत से मुक्त होने के बाद रंजू देवी के पति दयानिधि सिंह ने कहा, जानवर से भी बदतर जिंदगी है मेरीऔरंगाबाद कार्यालय.व्यवसायी राजू हत्याकांड में हिरासत में लिए गये रंजू देवी के पति दयानिधि सिंह को पुलिस ने पूछताछ कर छोड़ दिया. पुलिस हिरासत से मुक्त होने के बाद दयानिधि सिंह ने थाना परिसर […]
पुलिस हिरासत से मुक्त होने के बाद रंजू देवी के पति दयानिधि सिंह ने कहा, जानवर से भी बदतर जिंदगी है मेरीऔरंगाबाद कार्यालय.व्यवसायी राजू हत्याकांड में हिरासत में लिए गये रंजू देवी के पति दयानिधि सिंह को पुलिस ने पूछताछ कर छोड़ दिया. पुलिस हिरासत से मुक्त होने के बाद दयानिधि सिंह ने थाना परिसर में ही बिलखते हुए कहा कि भगवान के घर में देर है, अंधेर नहीं. वर्षों बाद मुझे न्याय मिला है. हमारी जिंदगी तो जानवर से भी बदतर है. 1996 में राजू गुप्ता मेरी पत्नी को घर से लेकर औरंगाबाद लेकर चले गये थे. दोनों बच्चे भी पत्नी के साथ चले गये. उसके बाद घर में मैं अकेला हो गया. मेरा और कोई भाई नहीं है. कुछ दिन बाद मेरे पिता की भी हत्या लोगों ने कर दी. दोनों बहन भी ससुराल चल गयी. घर में कोई नहीं रहा. कभी दिन का बनाया हुआ भोजन रात में खाते थे तो कभी रात का बनाया हुआ भोजन दिन में खाते थे. कभी-कभी तो एक दिन का बनाया हुआ भोजन दो-तीन दिन खाते थे. बीमार होने पर गांव के लोग दवा देते थे तो जान बचती थी. उन्होंने कहा कि मेरे जीवन का कोई उद्देश्य नहीं था. लेकिन, मौत भी नहीं आती थी. कभी-कभी सोचते थे कि हम कि सके लिए जी रहे हैं. लेकिन, अब ऐसा महसूस हुआ कि ईश्वर ने हमें जिंदा रखा था कि तुम्हें इंसाफ मिलेगा. अब मुझे कु छ मिला या नहीं, इतना तो जरूर है कि जिसने मेरे घर और जिंदगी को उजाड़ दिया, वह भी उजड़ गया. इस दौरान दयानिधि की आंखों से आंसू टपक पड़ा. कुछ ही देर बाद वह अपने गांव नवादा जिले के कौआकोल थाना क्षेत्र के कदहर गांव के लिए चल पड़े. जाते वक्त उनकी मानसिक स्थिति काफी बिगड़ी हुई थी. वह थाने में खड़े सिपाही से लेकर चौकीदार को घूम-घूम कर सलाम कर रहे थे.