गेहूं में मिला सीमेंट का कचरा
गरीबों के अनाज की क्वालिटी में नहीं हो रहा सुधार औरंगाबाद : सारण जिले में मध्याह्न् भोजन खाने से 23 बच्चों की हुई मौत की घटना के बाद भी गरीब परिवार के लोगों के लिए बांटे जा रहे राशन की क्वालिटी में सुधार नहीं हो पाया है. रविवार को शहर के वार्ड 25 में पोखरा […]
गरीबों के अनाज की क्वालिटी में नहीं हो रहा सुधार
औरंगाबाद : सारण जिले में मध्याह्न् भोजन खाने से 23 बच्चों की हुई मौत की घटना के बाद भी गरीब परिवार के लोगों के लिए बांटे जा रहे राशन की क्वालिटी में सुधार नहीं हो पाया है. रविवार को शहर के वार्ड 25 में पोखरा मुहल्ला के लोगों को जन वितरण प्रणाली की दुकान से सीमेंट का डस्ट मिला गेहूं वितरित किया गया.
10-12 लाभुक तो जन वितरण दुकानदार के भय से आधे से अधिक सीमेंट का कचरा मिला गेहूं लेकर चले गये, लेकिन कुछ लाभुकों ने इसे लेने से इनकार कर दिया. जब डीलर ने दबाव बनाया, तो लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया.
आक्रोशितों ने ही इसकी जानकारी प्रभात खबर को दी. जानकारी मिलते ही अखबार की टीम पोखरा मुहल्ला पहुंची, जहां लोग आक्रोश व्यक्त कर रहे थे और डीलर को घेर कर रखा था. जन वितरण प्रणाली की दुकान में देखा गया कि वहां रखे गये आठ से 10 बोरे में गेहूं कम व सीमेंट का कचरा अधिक मिला था.
वार्ड पार्षद ने जताया विरोध
इधर, कचरा भरे खाद्यान्न को बांटे जाने के विरोध में लोगों का आक्रोश बढ़ते जा रहा था. वार्ड आयुक्त विजय मेहता भी विरोध करनेवालों में शामिल थे. वार्ड पार्षद ने कहा कि अप्रैल 2012 से यहां के लोगों का राशन नहीं मिला. इस दुकानदार के विरुद्ध पहले भी शिकायत की गयी थी. फिर भी लाइसेंस रद्द नहीं किया गया और अब गेहूं के बदले सीमेंट का कचरा बांटा जा रहा है.
यह आम लोगों की जान से खिलवाड़ हो रहा है. जानकारी पाकर पहुंचे नगर पर्षद के मुख्य पार्षद के प्रतिनिधि ने भी खाद्यान्न को देखा व कहा कि यह जानलेवा है. ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
नहीं मालूम किसने मिलाया
जन वितरण प्रणाली के दुकान की लाइसेंसधारी धारी पार्वती सिन्हा ने कहा कि खाद्यान्न बांटने का काम उनके पति पारसनाथ सिन्हा कर रहे हैं. उनको मालूम नहीं कि इसमें सीमेंट का कचरा कौन मिलाया है. उन्हें यह भी नहीं मालूम कि बोरा में कचरा दुकान में भरा गया या दुकान से बाहर.
डीएम को भी मिली जानकारी
सीमेंट का कचरा मिला कर गेहूं की आपूर्ति किये जाने की जानकारी डीएम को भी मिली है. डीएम ने जन वितरण प्रणाली के विक्रेता के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है.
एलआरडीसी ने की जांच
जानकारी मिलते ही सदर एसडीओ कुमार देवेंद्र प्रौज्ज्वल ने एलआरडीसी व सीओ को जांच करने का आदेश दिया. दोनों पदाधिकारियों ने जन वितरण प्रणाली के दुकानदार द्वारा बांटी जा रही घटिया खाद्यान्न की जांच की. एसडीओ ने कहा कि जांच में गेहूं के साथ सीमेंट मिला हुआ पाया गया. दुकानदार के लाइसेंस को रद्द करते हुए इसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है.