संसद में उठायेंगे मामला

मंदिर के पास जाने से कोई नहीं रोक सकता : सांसद, कहा अधिकारी हैं जनता के सेवक मांग पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन औरंगाबाद (नगर) : नवीनगर एवं बारुण की सीमा पर बिहार सरकार एवं एनटीपीसी द्वारा बनाये जा रहे बिजली घर निर्माण कार्य को ग्रामीणों ने ठप कर चौथे दिन धरना दिया. इसकी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2015 9:27 AM
मंदिर के पास जाने से कोई नहीं रोक सकता : सांसद, कहा
अधिकारी हैं जनता के सेवक
मांग पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोलन
औरंगाबाद (नगर) : नवीनगर एवं बारुण की सीमा पर बिहार सरकार एवं एनटीपीसी द्वारा बनाये जा रहे बिजली घर निर्माण कार्य को ग्रामीणों ने ठप कर चौथे दिन धरना दिया. इसकी अध्यक्षता अंकोरहा पंचायत के पैक्स अध्यक्ष सह पूर्व मुखिया राजेंद्र सिंह ने की एवं संचालन कंकेर पंचायत के मुखिया बलराम सिंह ने किया.
धरना के चौथे दिन औरंगाबाद के भाजपा सांसद सुशील कुमार सिंह पहुंचे. इस दौरान आंदोलन कर रहे किसानों को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि मेरा आपसे गहरा लगाव है. भले ही यह क्षेत्र मेरा नहीं है. जब भी याद करेंगे, हम आपके दरवाजे पर पहुंचेंगे. जो मांग है, वह कोई मांग नहीं है. एनपीजीसी द्वारा भगवान को कैद करने की जो कोशिश की जा रही है, वह गलत है. अधिकारियों का दिमाग खराब हो गया है. लोकतंत्र में सबसे ऊपर जनता है. सरकारी कर्मचारी का दर्जा नीचे है और वे जनता के सेवक हैं.
20 फरवरी को इस मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष रखेंगे. इससे हल नहीं निकला तो सदन में उठायेंगे. अधिकारियों को लगता है कि मेरे पास अधिकार है तो वे सचेत हो जाये. उनके पास अधिकार नहीं है, बल्कि जनता का सेवक हैं. हर हाल में मंदिर जाने के लिए रास्ता देना होगा और बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराना होगा. काम बंद हो जाने के कारण जनता व सरकार को परेशानी हो रही है. इसकी जिम्मेवारी एनपीजीसी प्रबंधन की है. भगवान के पास जाने से कोई रोक नहीं सक ता. क्योंकि यह कानून में नहीं है.
मांगने से अधिकार नहीं मिलता है. एक ही रास्ता है संघर्ष. राजेंद्र सिंह ने कहा कि जब एनपीजीसी क्षेत्र में चौराही बाबा का मंदिर आ गया था, उसी वक्त हमलोग अधिकारियों से मांग रखे थे कि पौराणिक मंदिर है. यहां आने-जाने में किसी प्रकार की प्रतिबंध नहीं लगायी जाये.
लेकिन, अब एनपीजीसी के अधिकारी चौराही बाबा के मंदिर में जाने से रोक लगा रहे हैं. वहां जाने से पहले परिचय पत्र व फोटो खोजते हैं, जो गलत है. जब एनपीजीसी के सीओ से मिलने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे तो मिलने से इनकार कर गये. चार घंटे तक खड़ा रहे. जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इसके लिए क्यों न कितना ही संघर्ष करना पड़े.

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